Tuesday, January 01, 2013

हर वर्ष नया ही होता है


हर वर्ष नया ही होता है,
नव आशा लेकर आता है.
जो भी सोचा न कर पाया,
होकर निराश वह जाता है.

दे दिया कलंक जाते जाते,
वहशी हत्यारों ने तुमको.
अब यही सोच वह जाता है,
हो भविष्य बेहतर सबको.

क्यों दोष वर्ष किसी को दें,
जब शासन ही है हुआ भ्रष्ट.
है भरी तिजोरी धनिकों की,
लेकिन जनता भूखी व त्रस्त.

भूखा बचपन है सडकों पर,
रोटी को बिके ज़वानी है.
चिथड़ों में ढांक रही यौवन,
नव वर्ष उसे बेमानी है.

नव वर्ष समय का एक चक्र,
वह आयेगा, फिर जायेगा.
जब तक न जाग्रत होंगे हम
बदलाव न कुछ हो पायेगा.

हर आम आदमी जब अपनी
ताकत सुसुप्त पहचानेगा.
बदलेंगे तभी कलेंडर हम,
जब स्वाभिमान जग जायेगा.

©  कैलाश शर्मा

32 comments:

  1. बहुत सही बात कही है आपने
    आपको सहपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ....
    :-)

    ReplyDelete
  2. बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति शुभकामना देती ”शालिनी”मंगलकारी हो जन जन को .-2013

    ReplyDelete
  3. आपको भी अंग्रेजी नववर्ष की शुभकामनाएं...

    ReplyDelete
  4. सबकुछ बदल जाता है धीरे-धीरे
    बढ़िया प्रस्तुति ..
    नववर्ष मंगलमय हो।।

    ReplyDelete
  5. बहुत खूब लिखा है सर आपने। कैसी विडम्बना में हम भारतवासी जी रहे हैं सर, जहाँ माँ-बहने-बेटियां सुरक्षित नहीं, सरकार -राजनितिक पार्टियाँ झूटे वायदे, दोषारोपणर और भ्रस्टाचार करने से थकती नहीं, गरीबी की बहुतायत है, .... कभी मन बहुत उद्दास हो जाता है यह सोच ..पर फिर सोचता हूँ जो बदलाव देखना चाहता हूँ वह खुद ही बनना होगा .....

    नव वर्ष की आप को स-परिवार ढेर सारी शुभकामनाएँ !

    नरेन्द्र गुप्ता

    ReplyDelete
  6. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं

    ReplyDelete
  7. प्रभावी लेखनी,
    नव वर्ष मंगलमय हो,
    बधाई !!

    ReplyDelete
  8. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ सर!

    ReplyDelete
  9. बिल्‍कुल सही कहा आपने ... सार्थकता लिये सशक्‍त लेखन

    आने वाले हर लम्‍हे से कहना ही होगा
    हर पल को शुभ कर देना तुम इतना
    जिससे मजबूत हों इमारे इरादे
    .... सादर

    ReplyDelete
  10. Navversh ki Hardik Shubhkaamnayein.. Nice lines

    ReplyDelete
  11. नया साल आया बनकर उजाला,
    खुल जाए आपकी किस्मत का ताला,
    हमेशा आप पर मेहरबान रहे ऊपर वाला.

    नया साल मुबारक.

    ReplyDelete
  12. सार्थक प्रस्तुति....
    आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ....
    :-)

    ReplyDelete
  13. सही कहा..नया साल शुभ हो ..

    ReplyDelete
  14. जागृत होने का ही समाया है. नए साल की मंगलकामना.

    ReplyDelete
  15. बहुत सही बात ,सशक्‍त लेखन

    ReplyDelete
  16. नव वर्ष समय का एक चक्र,
    वह आयेगा, फिर जायेगा.
    जब तक न जाग्रत होंगे हम
    बदलाव न कुछ हो पायेगा.

    प्रासंगिक लेखा जोखा देश के हालात का हरारत ज़ज्बात का . शुक्रिया आपकी सद्य टिप्पणियों का .आपके शुभ भाव का ,ज़ज्बात का .अतीत को झाड़ बुहार आगे देखने का आवाहन .

    ReplyDelete
  17. बहुत सशक्‍त रचना। आने वाली किसी की तारीख को हम लोग कलंकित ना करें, बस यही संकल्‍प लें।

    ReplyDelete
  18. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    दिनांक 3/1/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  19. बदलेंगे तभी कलेंडर हम,
    जब स्वाभिमान जग जायेगा.

    वाह बहुत खूब लिख दिए हो ...

    यहाँ पर आपका इंतजार रहेगाशहरे-हवस

    ReplyDelete
  20. वाह . बहुत उम्दा,मार्मिक रचना व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

    नब बर्ष (2013) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार
    जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
    ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
    इश्वर की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार.

    ReplyDelete
  21. क्यों दोष वर्ष किसी को दें,
    जब शासन ही है हुआ भ्रष्ट.
    है भरी तिजोरी धनिकों की,
    लेकिन जनता भूखी व त्रस्त....

    सच कहा है ... किसी वर्ष या दिन का क्या दोष ... ये तो नियम हैं प्राकृति के उसके अनुसार चलेंगे ... बस मनुष्य हो छोड़ चुका है वो सारे नियम ...

    ReplyDelete
  22. आपकी प्रस्तुति निश्चय ही अत्यधिक प्रभावशाली और ह्रदय स्पर्शी लगी ....इसके लिए सादर आभार ......फुरसत के पलों में निगाहों को इधर भी करें शायद पसंद आ जाये
    नववर्ष के आगमन पर अब कौन लिखेगा मंगल गीत ?

    ReplyDelete
  23. sahi kaha aapne nav varsh ki shubhkamnayen..

    ReplyDelete
  24. नयी उम्मीद के साथ नववर्ष की शुभकामनाएँ

    ReplyDelete


  25. ♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
    ♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥
    ♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥



    क्यों दोष वर्ष किसी को दें,
    जब शासन ही है हुआ भ्रष्ट.
    है भरी तिजोरी धनिकों की,
    लेकिन जनता भूखी व त्रस्त.

    लाख बातों की एक बात है !
    बहुत बड़ी संख्या में सत्ता का हिस्सा बने संसद और विधानसभाओं में जो अपराधी हमारे सीनों पर सवार हैं , उनका खात्मा होते ही हमारी ज़्यादातर समस्याओं का स्वतः ही उपचार हो जाएगा ।
    और यह बात आंदोलन से पूरी न हो पा रही है तो मतदान के समय तो इनका इलाज़ कर ही दें ...

    आदरणीय कैलाश जी

    आपसे सहमत हूं कि -
    हर आम आदमी जब अपनी
    ताकत सुसुप्त पहचानेगा.
    बदलेंगे तभी कलेंडर हम,
    जब स्वाभिमान जग जायेगा


    सुंदर , सार्थक , सामयिक रचना के लिए साधुवाद !

    नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
    राजेन्द्र स्वर्णकार
    ◄▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼►

    ReplyDelete
  26. सुंदर और सार्थक... लेकिन बदलाव की बयार बहेगी ऐसी आशा जागी है...

    ReplyDelete
  27. प्रेरणादायक पंक्तियाँ..आभार!

    ReplyDelete
  28. नव वर्ष समय का एक चक्र,
    वह आयेगा, फिर जायेगा.
    जब तक न जाग्रत होंगे हम
    बदलाव न कुछ हो पायेगा. सटीक बात कहती सार्थक अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
  29. शानदार था जो गया है,
    आगन्तुक हर वर्ष नया है।

    ReplyDelete
  30. @ बदलेंगे तभी कलेंडर हम,
    जब स्वाभिमान जग जायेगा.

    सही संकल्प है भाई जी
    मंगलकामनाएं ...

    ReplyDelete
  31. बदलने के आसार बने हैं रास्ता आगे तक तय होना है -बस मनोबल बना रहे !

    ReplyDelete