Friday, February 07, 2014

सूनापन

गुम हो गये हैं शब्द
जीवन के कोलाहल में,
बैठे हैं मौन
तकते एक दूजे को,
कहने को बहुत कुछ
एक दूसरे की नज़रों में
पर नहीं चाहते तोड़ना
मौन अहसासों का,
छुपाते एक दूसरे से 
दर्द अंतस का,
अश्क़ आँखों के,
भय अकेलेपन के भविष्य का।

अहसास होने या न होने का
हो जाता और भी गहन
एक दूजे के मन में
जीवन के सूनेपन में।

....कैलाश शर्मा 

30 comments:

  1. ये स्थिति सर्वव्‍यापी हो गई है। आपने इस स्थिति को शब्‍द देकर इस पर सोचने-विचारने का अवसर प्रदान किया है। गहन अनुभूति है जीवन की दुखदायी मीमांसा का इस सूनेपन में।

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  2. एकान्त का पीड़ासित शब्दचित्र।

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  3. सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई आपको

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  4. bahut sundar rachna hardik badhai aapko kailash ji

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  5. शिथिल मन नीरवता नहीं तोड़ पता ....उदासी घेर लेती है तब ...!!
    सुंदर रचना ...!!

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  6. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन 7 फरवरी वर्षगांठ और वैवाहिक वर्षगांठ सब एक साथ मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  7. मन का जुड़ाव किसी के न होने के अहसास को बहुत गहरा बना देता है ....सच है

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  8. इस दौड़ भाग ज़माने में अपनी जिंदगी कहीं खो सी गयी है .....बोलना बहुतकुछ चाह कर भी बोल नहीं पाते.... सही शब्दों के साथ सूनापन चित्रित ..... बहुत सुंदर ....!!

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  9. एक ऐसी स्थिति जिससे शायद सबको गुजरना होता है . आपने इसे एक प्रवाह में बाँध कर सुन्दर रचना रूप दे दिया है.

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  10. दर्द अंतस का भय भविष्य के अकेलेपन का।।।।।.......
    मार्मिक।

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  11. गुम हो गये हैं शब्द
    जीवन के कोलाहल में,
    बैठे हैं मौन... ek duje ko nhi bs akele ka sunapn jhelte.....
    bahut khub kailash....

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  12. बहुत ही सुन्दर अभिवयक्ति..

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  13. अहसास होने या न होने का
    हो जाता और भी गहन
    एक दूजे के मन में
    जीवन के सूनेपन में....behatareen par man thoda udaas ho gaya

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  14. आप तथा सभी मित्रों को वसंत-मॉस की हृदयात मधुर वधाइयां ! सब को चहेतों से मीठा मीठा प्यार मिओलता रहे !
    अच्छे भावात्मक प्रस्तुतीकरण हेतु वधाई !

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  15. बहुत सुंदर भावनाएं और शब्द भी.

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  16. भय अकेलेपन के भविष्य का उन्हें आज भी मौन किये है … गहन भाव

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  17. मौन अहसास बहुत कुछ कहते हैं ! शुभकामनायें

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  18. अहसास होने या न होने का
    हो जाता और भी गहन
    एक दूजे के मन में
    जीवन के सूनेपन में।

    बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।

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  19. बहुत सुन्दर ....

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  20. मौन ....यादों का सफ़र ..
    शुभकामनायें!

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  21. अहसास होने या न होने का
    हो जाता और भी गहन
    एक दूजे के मन में
    जीवन के सूनेपन में।

    ..............बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।

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  22. मौन को मुखरित करती सुन्दर रचना |

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  23. उदासी को बड़ी शिद्दत के साथ परिभाषित किया है रचना में ! बहुत ही गहन एवँ प्रभावशाली प्रस्तुति !

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