उम्र नहीं केवल एक जोड़
हर वर्ष बढ़ते हुए कुछ अंकों का,
बढ़ते जाना अंकों का
नहीं है अर्थ
हो जाना व्यर्थ पिछले अंकों का,
उम्र नहीं केवल एक अंक
उम्र है संग्रह अनुभवों का,
उम्र है उत्साह
कदम अगला उठाने का,
उम्र है एक द्रष्टि
अँधेरे के परे प्रकाश देख पाने की,
उम्र है एक सोच
प्रति पल एक नयी उपलब्धि की।
हर वर्ष बढ़ते हुए कुछ अंकों का,
बढ़ते जाना अंकों का
नहीं है अर्थ
हो जाना व्यर्थ पिछले अंकों का,
उम्र नहीं केवल एक अंक
उम्र है संग्रह अनुभवों का,
उम्र है उत्साह
कदम अगला उठाने का,
उम्र है एक द्रष्टि
अँधेरे के परे प्रकाश देख पाने की,
उम्र है एक सोच
प्रति पल एक नयी उपलब्धि की।
नहीं रखता कोई अर्थ
अंको का छोटा या बड़ा होना,
अंको का छोटा या बड़ा होना,
उम्र है केवल एक अनुभूति
अंको से परे जीवन की
जहाँ खो देते अंक
अस्तित्व अपने होने का।
अंको से परे जीवन की
जहाँ खो देते अंक
अस्तित्व अपने होने का।
....©कैलाश शर्मा
उम्र की सकारात्मक एवं सार्थक व्याख्या।
ReplyDeleteइन अंकों की सोचो तो कर्म कहाँ हो पाता है ... बाहर आना ही पड़ता है इस सोच से ...
ReplyDeleteसार्थक रचना
ReplyDeleteउम्र नहीं केवल एक अंक
ReplyDeleteउम्र है संग्रह अनुभवों का,
उम्र है उत्साह
कदम अगला उठाने का,
उम्र है एक द्रष्टि
...बहुत सुन्दर .. सकारात्मक सोच जरुरी है
एक सकारात्मक व सार्थक सृजन ..बहुत उम्दा
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (03-10-2015) को "तलाश आम आदमी की" (चर्चा अंक-2117) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार...
DeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, लकीर बड़ी करनी होगी , मे आपकी कमाल की पोस्ट का सूत्र हमने अपनी बुलेटिन में पिरो दिया है ताकि मित्र आपकी पोस्ट तक और आप उनकी पोस्टों तक पहुंचे ..आप आ रहे हैं न ...
ReplyDelete--
आभार..
Deleteआभार..
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत ख़ूब
ReplyDeleteसुंदर और सार्थक रचना ।
ReplyDeleteउम्र है केवल एक अनुभूति
ReplyDeleteअंको से परे जीवन की
जहाँ खो देते अंक
अस्तित्व अपने होने का।
सच कहा है उम्र अनुभवों का संग्रह है.
बहुत सच्चा और सुन्दर !!
ReplyDeleteसम्यक - सार्थक - सटीक - समाधान ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर और सार्थक.
ReplyDeleteनई पोस्ट : दिल मचल गया होता
बहुत सुन्दर।
ReplyDeletesach kaha apne....bahut sundar rachna
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और सार्थक रचना।
ReplyDeleteउम्र है उत्साह
ReplyDeleteकदम अगला उठाने का,
उम्र है एक द्रष्टि
अँधेरे के परे प्रकाश देख पाने की,
उम्र है एक सोच
प्रति पल एक नयी उपलब्धि की।
मुझे लगता है कि अगर हम इन अंकों को दिमाग में रखते हैं तो स्पष्ट रूप से ये हमारे क्षमता और शक्ति को कमतर करते जाते हैं ! सुन्दर अभिव्यक्ति
वक़्त
ReplyDeleteना जाने कब कैसे वक़्त बे साख्ता उड़ा
जैसे पंख फैलाये आसमां में फाख्ता उड़ा
मिट गयी ना जाने कैसी कैसी हस्तियां
जब जब जिससे भी इसका वास्ता पड़ा
बदलने चले थे कई सिकंदर और कलंदर
ख़ाक हुए जिसकी राह मैं यह रास्ता पड़ा
मत कर गुरूर अपनी हस्ती पर ऐ RAAJ
कुछ पल उसे देदे सामने जो फ़कीर खड़ा