बुद्ध नहीं एक व्यक्ति विशेष
बुद्ध है बोध अपने "मैं" का
एक मार्ग पहचानने का अपने आप को,
नहीं करा सकता कोई और
पहचान मेरी मेरे "मैं" से,
मिटाना होगा स्वयं ही
अँधेरा अपने अंतस का,
'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
यह है एक शाश्वत सत्य,
अनंत प्रकाश को जीवन में
बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
किसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
शेष जीवन राह में।
जलाओ दीपक अपने अंतस में
समझो अर्थ अपने होने का,
बढ़ो उस राह जो हो आलोकित
स्व-प्रज्वलित ज्ञान दीप से।
बुद्ध है बोध अपने "मैं" का
एक मार्ग पहचानने का अपने आप को,
नहीं करा सकता कोई और
पहचान मेरी मेरे "मैं" से,
मिटाना होगा स्वयं ही
अँधेरा अपने अंतस का,
'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
यह है एक शाश्वत सत्य,
अनंत प्रकाश को जीवन में
बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
किसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
शेष जीवन राह में।
जलाओ दीपक अपने अंतस में
समझो अर्थ अपने होने का,
बढ़ो उस राह जो हो आलोकित
स्व-प्रज्वलित ज्ञान दीप से।
...© कैलाश शर्मा