Pages

Wednesday, April 20, 2016

खून अपना सफ़ेद जब होता

खून अपना सफ़ेद जब होता,
दर्द दिल में असीम तब होता।

दर्द अपने सदा दिया करते,
गैर के पास वक़्त कब होता।

रात गहरी सियाह जब होती,
कोइ अपना क़रीब कब होता।

चोट लगती ज़ुबान से ज़ब है, 
घाव गहरा किसे नज़र होता।

बात को दफ्न आज रहने दो,
ग़र कुरेदा तो दर्द फ़िर होता।

बात कह जब पलट गया कोई,
मौन रहना नसीब बस होता

~©कैलाश शर्मा 

28 comments:

  1. बात को दफ्न आज रहने दो,
    ग़र कुरेदा तो दर्द फ़िर होता ..
    बहुत खूब ... हर शेर लाजवाब है ... और ये तो सच की बयानी है ...

    ReplyDelete
  2. दर्द अपने सदा दिया करते,
    गैर के पास वक़्त कब होता।

    बहुत खूब शर्मा जी

    ReplyDelete
  3. it's Very true... aisa lag raha hai ki apne darad ki anubhuti kahin aur bhi hai...aisa hi kuchh meri rachana bhi kahti hai...mai link diye ja raha hoon...aap ki kavyatmak tippani hetu...http://einsteinkunwar.blogspot.in/2016/04/blog-post.html

    ReplyDelete
  4. बात को दफ्न आज रहने दो,
    ग़र कुरेदा तो दर्द फ़िर होता।

    बहुत सही ... जा तन लागि सो जाने .....

    ReplyDelete
  5. दर्द अपने सदा दिया करते,
    गैर के पास वक्त कब होता।
    क्या बात है सर ! बेहद खूबसूरत प्रस्तुति। बहुत खूब।

    ReplyDelete
  6. दर्द अपने सदा दिया करते,
    गैर के पास वक्त कब होता।
    क्या बात है सर ! बेहद खूबसूरत प्रस्तुति। बहुत खूब।

    ReplyDelete
  7. बेहद खूबसूरत लफ्ज और जज्बात..

    ReplyDelete
  8. आपकी इस अभिव्यक्ति ने मेरी अनुभूतियों को जुबान दे डाली है , पढ़कर सुकून मिला , शुक्रिया !

    ReplyDelete
  9. बहुत वेहतरीन गज़ल। हकीकत वयाँ करती।

    ReplyDelete
  10. दर्द अपने सदा दिया करते,
    गैर के पास वक़्त कब होता।
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति , कैलाशजी

    ReplyDelete
  11. आपकी यह रचना बहुत दिनों के बाद आई। पर बहुत ही बेहतरीन है। हकीकत को कितनी सहजता से व्यक्त कर रही है। अच्छी रचना के लिए धन्यवाद आपका।

    ReplyDelete
  12. बात कह जब पलट गया जब कोई ....सच है हर इक लाइन आइने की तरह । बहुत सुंदर ।

    ReplyDelete
  13. चोट लगती ज़ुबान से ज़ब है,
    घाव गहरा किसे नज़र होता।

    कोमल भावनाओं का सुंदर चित्रण ।
    हृयदस्पर्शी रचना ।

    ReplyDelete
  14. कैलाश जी बहुत सुन्दर प्रस्तुतिया है आपकी।
    आपके ब्लाॅग को हमने Best Hindi Blogs में लिस्टेड किया है।

    ReplyDelete
  15. बहुत खूब। खून जब अपना सफेद होता, तो दिल में दर्द असीम होता'' भावनात्‍मक पक्ष को शब्‍दों से सजीव करती हुई रचना।

    ReplyDelete
  16. सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार!

    मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...

    ReplyDelete
  17. चोट लगती ज़ुबान से ज़ब है,
    घाव गहरा किसे नज़र होता।

    बात को दफ्न आज रहने दो,
    ग़र कुरेदा तो दर्द फ़िर होता।
    बहुत शानदार अल्फाज़ आदरणीय कैलाश शर्मा जी ! शानदार ग़ज़ल

    ReplyDelete
  18. आदरणीय कैलाश शर्मा जी आप की पूरी रचना लाज़बाब!- चोट लगती ज़ुबान से ज़ब है,घाव गहरा किसे नज़र होता।

    ReplyDelete
  19. अब RS 50,000/महीना कमायें
    Work on FB & WhatsApp only ⏰ Work only 30 Minutes in a day
    आइये Digital India से जुड़िये..... और घर बैठे लाखों कमाये....... और दूसरे को भी कमाने का मौका दीजिए... कोई इनवेस्टमेन्ट नहीं है...... आईये बेरोजगारी को भारत से उखाड़ फैंकने मे हमारी मदद कीजिये.... 🏻 🏻 बस आप इस whatsApp no 8017025376 पर " INFO " लिख कर send की karo or
    more details click here link ..one click change your life.. http://goo.gl/o9PxSX

    SP ID.1804028

    ReplyDelete
  20. Nice Articale Sir I like ur website and daily visit every day i get here something new & more and special on your site.
    one request this is my blog i following you can u give me some tips regarding seo, Degine,pagespeed
    www.hihindi.com

    ReplyDelete