Kashish - My Poetry
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Wednesday, September 26, 2012
मत नफ़रत की राह सुझाओ
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मत नफ़रत की राह सुझाओ, तुम्हें मिलाने दिल भेजा है. मंदिर मस्ज़िद की दीवारें क्यों इंसां के बीच खड़ी हो. एक तत्व है सब प्राणी में, ...
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Monday, September 24, 2012
श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (३४वीं कड़ी)
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आठवां अध्याय (अक्षरब्रह्म-योग-८.२०-२८ ) लेकिन इस अव्यक्त परे भी अव्यक्त सनातन भाव है होता. प्राणी समस्त नष्ट होने पर, ...
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Friday, September 21, 2012
मन कहता सब कुछ छोड़ चलें
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मन कहता सब कुछ छोड़ चलें, अनजान डगर पर जा निकलें. रिश्तों की जितनी गांठें हैं उनको सुलझाना रहने दें. कंधों पर क्यों है बोझ रखें, उ...
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Tuesday, September 18, 2012
श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (३३वीं कड़ी)
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आठवां अध्याय (अक्षरब्रह्म-योग-८.१०-१९ ) वीतराग मुनि जिसमें प्रवेश को ब्रह्मचर्य व्रत पालन हैं करते. मैं वह तत्व संक्षेप...
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Monday, September 10, 2012
श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (३२वीं कड़ी)
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आठवां अध्याय (अक्षरब्रह्म-योग-८.१-१० ) अर्जुन क्या है ब्रह्म कहो पुरुषोत्तम, अध्यात्म, कर्म किसे हैं कहते? किसे कहा अध...
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Wednesday, September 05, 2012
हाइकु - जीवन
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(१) रात का दर्द समझा है किसने देखी है ओस? (२) दिल का दर्द दबाया था बहुत छलकी आँखें. (३) जीवन राह बहुत है कठिन जी...
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Monday, September 03, 2012
श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (३१वीं-कड़ी)
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सातवाँ अध्याय (ज्ञानविज्ञान-योग-७.२४-३० ) अल्प बुद्धि वाले जो जन हैं अव्यक्त को व्यक्त मानते. अपनी अल्प बुद्धि के कारण ...
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