Pages

Friday, April 08, 2011

आज उठानी ही होगी आवाज़

आयी है आंधी
एक बार फिर
सत्याग्रह की,
उखाड़ने को जड़ से 
उन ऊँचे कटीले वृक्षों को
जो होते रहे पोषित 
भ्रष्टाचार और रिश्वत 
की खाद और पानी से.

कौन कहता है
कि गांधी नहीं रहे,
वे तो अब भी जीवित हैं 
विश्व भर की 
जनता की आवाज में,
जिन्होंने हिलादी
अहिंसा से 
निरंकुश तानाशाहों की
सत्ता.

अफ़सोस है
तो सिर्फ़ इतना
की यह सत्याग्रह का शस्त्र
उठाना पड़ रहा है
उन तथाकथित गांधीवादियों 
के खिलाफ़,
जो लगाते हैं
गांधी की तस्वीर
दफ्तर में,
लेकिन उनके कर्म
कितनी दूर हैं 
उनके आदर्शों से,
और होकर पथभ्रष्ट 
भुना रहे हैं सिक्का
उनकी शहादत का.

आज उठानी ही होगी
आवाज़,
खड़ा होना होगा सब को
भ्रष्टाचार के खिलाफ 
और देना होगा साथ
नवयुग के गांधी का,
वर्ना इतिहास 
नहीं करेगा माफ़ 
हमें कभी भी.

अर्जुन की संतानो
मत झिझको
उठाने को हथियार
सत्याग्रह का
आज
भ्रष्टाचार के कौरवों के खिलाफ़.
न मज़बूर करो
गांधी को
एक बार फिर
हमारी अकर्मण्यता 
की शर्मिंदगी से
मरने को.

42 comments:

  1. बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति !भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही इस जंग में शब्दों के माध्यम से ही सही हम सभी को आवाज उठानी है, एक बार फिर सत्य की जय होगी !

    ReplyDelete
  2. सामयिक,सटीक काव्यमय प्रस्तुति.

    ReplyDelete
  3. mai bhi es muhim me samil hu or apil karta hu ke ap bhi anna hajra ka sath de . jai hin jai bharat

    ReplyDelete
  4. अर्जुन की संतानो
    मत झिझको
    उठाने को हथियार
    सत्याग्रह का
    आज
    भ्रष्टाचार के कौरवों के खिलाफ़.
    न मज़बूर करो
    गांधी को
    एक बार फिर
    हमारी अकर्मण्यता
    की शर्मिंदगी से
    मरने को.
    आज कविता की आंच महसूस करने का सही समय है अगर अभी चूक गए तो पता नहीं कब तक इंतज़ार करना पड़ेगा !
    सामयिक और प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति !

    ReplyDelete
  5. अफ़सोस है
    तो सिर्फ़ इतना
    की यह सत्याग्रह का शस्त्र
    उठाना पड़ रहा है
    उन तथाकथित गांधीवादियों
    के खिलाफ़,
    जो लगाते हैं
    गांधी की तस्वीर
    दफ्तर में,

    बिलकुल सही कहा आपने सर!
    अन्ना जी का साथ देना हम सब का फर्ज है.

    सादर

    ReplyDelete
  6. बेहतरीन अभिव्यक्ति! आज सारा देश अन्ना के साथ है!

    ReplyDelete
  7. बड़े भाई शर्मा जी आपकी कलम ने वक्त पर सही निर्णय लिया है बहुत भट बधाई |

    ReplyDelete
  8. हम अपनी कविताओं और कलम से अन्ना जी का समर्थन करेंगे |

    ReplyDelete
  9. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना ....अन्‍ना जी के साथ सारे देश की भी यही आवाज है ....आभार इस बेहतरीन प्रस्‍तुति के लिये ।

    ReplyDelete
  10. कौन कहता है
    कि गांधी नहीं रहे,
    वे तो अब भी जीवित हैं...

    यदि बचाना है देश, तो आर्थिक भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता को समूल नष्ट करना होगा..यही है आम हिन्दुस्तानी की आवाज़, आज इस आवाज़ को मिला है एक नेतृत्व.......

    ReplyDelete
  11. सार्थक आह्वान .... ओज पूर्ण रचना ...कलम की ताकत दिखानी ही होगी

    ReplyDelete
  12. आपकी भावपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति ने जो तडफ पैदा की है उसको सलाम.दिल की आवाज रंग लाएगी ही.सत्यमेवजयते.

    ReplyDelete
  13. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (09.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

    ReplyDelete
  14. they have been sucking the nation since last 63 years and we expect them to be straight in 63 days...doesnt make any sense to me...

    ReplyDelete
  15. अन्ना जी का साथ देना हम सब का फर्ज है.

    ReplyDelete
  16. आदरणीय कैलाश शर्मा जी
    सस्नेहाभिवादन !

    बहुत सही कहा आपने -
    आज उठानी ही होगी
    आवाज़,
    खड़ा होना होगा सब को
    भ्रष्टाचार के खिलाफ


    सच है, भ्रष्टाचार ने हम भारतीयों को अपना ग्रास बनाया हुआ है ।
    … और स्थिति इतनी बिगड़ी हुई है कि आशा की किरण नज़र भी नहीं आ रही … … …

    अन्ना हजारे जी के आह्वान से पहले भी हम इन परिस्थितियों से अनभिज्ञ तो नहीं थे …

    निःसंदेह हम अन्ना के साथ हैं !
    … लेकिन सबको अपने अपने स्तर पर भी सर्वत्र संघर्ष करने के लिए तैयार होना पड़ेगा … … … !

    आपको सपरिवार नवरात्रि की शुभकामनाएं !

    साथ ही…

    *नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !*


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  17. 21वीं सदी के गाँधी अन्ना हजारे के साथ हम भी खड़े हैं!
    सुन्दर और सामयिक रचना!

    ReplyDelete
  18. गहन अभिव्यक्ति लिए.....एक प्रासंगिक और सार्थक रचना....आवाज उठानी होगी....

    ReplyDelete
  19. सामयिक और प्रभावशाली रचना . कौरवों का नाश होना ही चाहिए .

    ReplyDelete
  20. आज उठानी ही होगी
    आवाज़,
    खड़ा होना होगा सब को
    भ्रष्टाचार के खिलाफ
    और देना होगा साथ
    नवयुग के गांधी का,
    वर्ना इतिहास
    नहीं करेगा माफ़
    हमें कभी भी.

    ये अब जरूरत ही नही बल्कि समय का तकाजा भी है।

    ReplyDelete
  21. Bahut sundar rachana! Aawaz hee nahee swayam ko jhakjhor ke uthana hoga!

    ReplyDelete
  22. अण्णा का आंदोलन आपकी काव्यमय़ी प्रस्तुति में...

    हजारों हजार उद्घोष रंग लाते दिख रहे हैं ।

    ReplyDelete
  23. सत्‍य के दर्शन कराती, जोशीली कविता। आज इसी की आवश्‍यकता है। लोग कहते थे कि आज यदि गाँधी भी आ जाए तो यह समाज जागृत नहीं होगा लेकिन जनता ने दिखा दिया कि गाँधी तो बनो, हम साथ आने को तैयार हैं।

    ReplyDelete
  24. "आज उठानी ही होगी
    आवाज़,
    खड़ा होना होगा सब को
    भ्रष्टाचार के खिलाफ
    और देना होगा साथ
    नवयुग के गांधी का,
    वर्ना इतिहास
    नहीं करेगा माफ़
    हमें कभी भी "

    ओज पूर्ण आह्वान करती कविता के लिये साधुवाद ।
    जनमत की ताकत सब पर भारी है ।

    ReplyDelete
  25. एक बहुत ही सशक्त एवं चेतना को ललकारती ओजस्वी रचना !

    आज उठानी ही होगी
    आवाज़,
    खड़ा होना होगा सब को
    भ्रष्टाचार के खिलाफ
    और देना होगा साथ
    नवयुग के गांधी का,

    यही समय की माँग है और हमें इस पुकार का सम्मान करना होगा ! इतनी सार्थक प्रस्तुति के लिये बधाई एवं आभार !

    ReplyDelete
  26. बढ़िया रचना!
    जनता का साथ मिला!
    जीत हुई लोकतन्त्र की!

    ReplyDelete
  27. बढे चलो ..बढे चलो ...
    वीर तुम बढे चलो ...
    धीर तुम बढे चलो .....!
    सुंदर आह्वान करती ओजस्वी रचना .....!!

    ReplyDelete
  28. संतुलित और सधी हुई अभिव्यक्ति ....

    ReplyDelete
  29. बिलकुल सही कहा आपने.....

    ReplyDelete
  30. अफ़सोस है
    तो सिर्फ़ इतना
    की यह सत्याग्रह का शस्त्र
    उठाना पड़ रहा है
    उन तथाकथित गांधीवादियों
    के खिलाफ़,
    जो लगाते हैं
    गांधी की तस्वीर
    दफ्तर में,
    लेकिन उनके कर्म
    कितनी दूर हैं

    अन्ना जी गांधी जी के अवतार के रूप में सामने आए हैं। पूरा देश उनके साथ है।

    कविता के माध्यम से आह्वान प्रेरक है।

    ReplyDelete
  31. सामयिक और प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति|यही समय की माँग है और हमें इस पुकार का सम्मान करना होगा |

    ReplyDelete
  32. बहुत भावपूर्ण पोस्ट |
    आशा

    ReplyDelete
  33. प्रासंगिक और सार्थक रचना.

    ReplyDelete
  34. सार्थक प्रस्तुति के लिये बधाई

    ReplyDelete
  35. supporit to lok pal bill is the prime responsibily of every indin

    ReplyDelete
  36. Very good poetry that gives Support to Annaji

    ReplyDelete
  37. Mai Mukesh Kumar Verma Is Govt. se ye Puchna chata hu ki Anna ji ne kon sa asa kaam kiya tha jo unhe ghar se utha kar jail mai dal diya gaya.
    Is Govt. ko ye samajh lena chiya ki vo is janlokpal bil ko paas kar de verna ak asi andhi aaygi jo is kangras sarkar ka is desh se khatma karna me der nahi lagaygi.

    ReplyDelete