Pages

Sunday, May 06, 2012

बेटी - हाइकु

   (1)
घर की शान 
प्रेम का प्रतिमान 
प्यारी बेटियाँ.

   (२)
दुर्गा की पूजा
कन्या की भ्रूण हत्या
दोगलापन.

   (३)
क्या देगा बेटा 
लाई थी मैं भी प्यार
आने तो देते.

   (४)
बेटे की चाह 
माँ हुई भागीदार
बेटी की हत्या.

   (५)
कैसे जी पाती
आफरीन बन के
न आना अच्छा.

   (६)
क्यों भूल गये
वह भी औरत थी
तुम्हें जन्मा था.

   (७)
नसीब लायी 
जन्म पूर्व मरना
सिर्फ़ बेटी ही.

   (८)
खुशियाँ गूंजी
आँगन है चहका
बिटिया आयी.

कैलाश शर्मा 

32 comments:

  1. sabhi bahut sundar hai..kailash ji..

    ReplyDelete
  2. सब अच्छी तो लगी पर कन्या की भ्रूण हत्या ..दोगलापन....क्या प्रशंसा करूँ...?

    ReplyDelete
  3. i have given this post on bhartiy nari blog .very good expression .thanks

    ReplyDelete
  4. सार्थक हायेकु सर................
    गहन अर्थ लिए....


    सादर.

    ReplyDelete
  5. अब काफ़ी-कुछ बदल रहा है,यह सोच भी !

    ReplyDelete
  6. ्क्या कहूँ हर हाइकू अर्थवान ………सुन्दर संदेश देता …………गागर मे सागर भर दिया है।

    ReplyDelete
  7. बेटियाँ बेटों से प्यारी हो जायेंगी..

    ReplyDelete
  8. सभी सच का आईना दिखाते

    ReplyDelete
  9. बेतिया और उससे जुड़ा समाज का हर पहलू ...
    कुछ शब्दों में गहरी बातें कहने का अंदाज़ ... धीरे धीरे आप मास्टर हो गए हैं इस कला में ...

    ReplyDelete
  10. sarthak or vartman ko ujagar karti post .

    ReplyDelete
  11. दुर्गा की पूजा
    कन्या की भ्रूण हत्या
    दोगलापन.
    बेहतरीन .. आईना दिखाती

    ReplyDelete
  12. दुर्गा की पूजा
    कन्या की भ्रूण हत्या
    दोगलापन.

    तथाकथित सभ्य समाज का दोगलापन है ये।
    यह केवल कविता नहीं है, पत्थर पर उकेरी गईं लकीरें है।

    ReplyDelete
  13. महिलाओं की बेबसी व अतिशय सहकारिता ने इस विभीषिका को स्वरुप दिया है ,और हमारी धार्मिक व्यवस्था ने जड़ ,व आस्था व परंपरा ने उर्वरता दी है /use and throw की स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन ?

    ReplyDelete
  14. betiyon ki sthiti or mahatva par aapne bahut sundar likha hai

    ReplyDelete
  15. क्या देगा बेटा
    लाई थी मैं भी प्यार
    आने तो देते.
    (५)
    कैसे जी पाती
    आफरीन बन के
    न आना अच्छा.

    एक पत्ते के टूट जाने पर ,
    पेड़ कितना उदास होता है .
    एक थीम की प्रस्तुति विचार का संचालन ,माँ की कोख बेटी का कब्रिस्तान .बधाई भाई साहब .

    ReplyDelete
  16. दर्द लेती

    सुख देती

    प्यारी बेटियाँ ... सुंदर हाइकु

    ReplyDelete
  17. गहन अर्थ लिये बहूत हि सार्थक रचना.....

    ReplyDelete
  18. घर की शान
    प्रेम का प्रतिमान
    प्यारी बेटियाँ.
    बात सच है पर भी स्वीकार करने में डरते क्यों है लोग.

    बढ़िया हाईकू.

    ReplyDelete
  19. सभी हाइकु बहुत अच्छे हैं...इनके हाइगा भी बन सकते हैं :)

    ReplyDelete
  20. दुर्गा की पूजा
    कन्या की भ्रूण हत्या
    दोगलापन.
    - चोट गहरी है ,अगर कोई महसूस कर सके तो !

    ReplyDelete
  21. aaj meri beti bhee 25 days ki hui hai so I am so very happy....nice post.

    ReplyDelete
  22. सभी हाइकु बेहतरीन .... सत्य को कहते हुये .... आभार

    ReplyDelete
  23. दुर्गा की पूजा
    कन्या की भ्रूण हत्या
    दोगलापन.

    वाह...बहुत अच्छे लाजबाब् हाइकू में प्रस्तुति,....कैलाश जी बधाई

    RECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....

    ReplyDelete
  24. sabhi bahut hi shandar aur dil ko chhune wali
    दुर्गा की पूजा
    कन्या की भ्रूण हत्या
    दोगलापन.

    isi se judi meri nyi post
    www.bebkoof.blogspot.com

    ReplyDelete
  25. सच कहता हर एक शब्‍द ... उत्‍कृष्‍ट प्रस्‍तुति।

    ReplyDelete
  26. हां हां दूंगी मैं
    मौका मिले तो सही
    कुछ देने का!

    ReplyDelete
  27. bahut bahut acha!!..ur imagination is fabulous in a few lines u have done it soo well..my heartfelt thanks to Kailash Sharmaji for reading my works & motivating me..WISH U EVER ALL THE BEST..God love u

    ReplyDelete
  28. बेटियाँ को प्यार करोगे तभी तो ......खुद को प्यार करोगे ..........स्वागत है आप सब का मेरी नयी पोस्ट पर

    ReplyDelete
  29. खुशियाँ गूंजी, आँगन है चहका, बिटिया आयी!

    जय हो!

    ReplyDelete
  30. bahut hi sundar haaiku.
    shaandaar prastuti.

    ReplyDelete