Pages

Wednesday, October 24, 2012

रावण दहन

रावण का पुतला 
जलने से पहले 
करता है अट्टहास 
जब देखता है 
एक दूसरे रावण को 
उसे ज़लाने को
अग्नि बाण चलाते.

रावण का पुतला 
जल जायेगा कुछ क्षण में,
पर यह रावण 
बढता रहेगा 
रक्तबीज बन कर
और करता रहेगा 
अपहरण सीता का.

अब नहीं आयेगा कोई राम 
मुक्त करने सीता को, 
जागना होगा उसे स्वयं 
और पहचाननी होगी 
अपनी शक्ति 
मुक्त होने को रावण से.

**दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें**

कैलाश शर्मा  

30 comments:

  1. दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएँ सर!


    सादर

    ReplyDelete
  2. ..असली रावण से बचो !
    शुभकामनाएँ !

    ReplyDelete
  3. वर्तमानसत्य व यथास्थिति वर्णित करती प्रभावी कविता। दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  4. विजयादशमी की शुभकामनाएं |
    सादर --

    ReplyDelete
  5. भीतर के रावण का दहन हो।

    शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  6. विजयादशमी की शुभकामनाएं सर

    ReplyDelete
  7. वर्तमान स्थिति यही है एक रावण दुसरे रावण को जला रहा है..
    इसलिए सीता को खुद की ही शक्ति पहचानना होगा..
    बेहतरीन रचना ...
    विजयादशमी की शुभकामनाएं...
    :-)

    ReplyDelete
  8. दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें !!

    ReplyDelete
  9. dashhare ki hardik subh kamna,dukh es bat ka hai ravno ki sankhya badhti ja rahi hai,har hal me unka dahan karna hoga

    ReplyDelete
  10. पहले भीतर के रावण को जलाना होगा.. विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  11. विजय दशमी की शुभ कामनाएं , सुन्दर सृजन को बधाईयाँ जी...

    ReplyDelete
  12. *

    भाईजी,
    उत्कृष्ट रचना के लिए आभार एवं बधाई …

    ReplyDelete
  13. .

    ஜ▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
    ♥~*~विजयदशमी की हार्दिक बधाई~*~♥
    ஜ▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬●ஜ

    ReplyDelete
  14. बहुत ही सुन्दर कविता...आप सबको भी विजयादशमी की शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  15. बहुत बढ़िया सृजन,,,

    विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,

    RECENT POST...: विजयादशमी,,,

    ReplyDelete
  16. रावण करता है अट्टहास .... विभीषण ने खोला भेद , राम ने मारा .... पर सबकुछ हास्यास्पद बनानेवालों ने मुझे जिंदा कर दिया

    ReplyDelete
  17. बहुत बढ़िया कटाक्ष ..
    1.)"करता है अट्टहास
    जब देखता है
    एक दूसरे रावण को
    उसे ज़लाने को
    अग्नि बाण चलाते"

    2.)"करता रहेगा
    अपहरण सीता का."

    3.)"अब नहीं आयेगा कोई राम" अच्छी प्रस्तुती!

    ReplyDelete
  18. सीता को ही जागना होगा !
    अच्छी प्रस्तुति !

    ReplyDelete
  19. आज तो सही है यह कि एक बड़ा रावण ही रावण के पुतले को जलाता है ...

    ReplyDelete
  20. ऋतु परिवर्तन के समय 'संयम 'बरतने हेतु नवरात्रों का विधान सार्वजनिक रूप से वर्ष मे दो बार रखा गया था जो पूर्ण वैज्ञानिक आधार पर 'अथर्व वेद 'पर अवलंबित था।नौ औषद्धियों का सेवन नौ दिन विशेष रूप से करना होता था। पदार्थ विज्ञान –material science पर आधारित हवन के जरिये पर्यावरण को शुद्ध रखा जाता था। वेदिक परंपरा के पतन और विदेशी गुलामी मे पनपी पौराणिक प्रथा ने सब कुछ ध्वस्त कर दिया। अब जो पोंगा-पंथ चल र
    हा है उससे लाभ कुछ भी नहीं और हानी अधिक है। रावण साम्राज्यवादी था उसके सहयोगी वर्तमान यू एस ए के एरावन और साईबेरिया के कुंभकरण थे। इन सब का राम ने खात्मा किया था और जन-वादी शासन स्थापित किया था। लेकिन आज राम के पुजारी वर्तमान साम्राज्यवाद के सरगना यू एस ए के हितों का संरक्षण कर रहे हैं जो एक विडम्बना नहीं तो और क्या है?

    ReplyDelete
  21. Behad sundar rachana!
    Duniyame anginat rawan hain,Ram dhoonde nahee milta!

    ReplyDelete
  22. dukh ye bhi ki us raktbeej ka rakt ekatrit karne ki bhi koi koshish nahi karta...jo dino-din badhta hi ja raha hai apna vikraal roop liye.

    ReplyDelete
  23. अब नहीं आयेगा कोई राम
    मुक्त करने सीता को,
    जागना होगा उसे स्वयं
    और पहचाननी होगी
    अपनी शक्ति
    मुक्त होने को रावण से.
    sahi kaha hai satik rachna ....

    ReplyDelete
  24. बहुत सशक्त अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  25. प्रेरणादायक बहुत ही सुन्दर रचना...सादर

    ReplyDelete
  26. अब नहीं आयेगा कोई राम
    मुक्त करने सीता को,
    जागना होगा उसे स्वयं
    और पहचाननी होगी
    अपनी शक्ति
    मुक्त होने को रावण से.

    एक दम सही है

    ReplyDelete
  27. बहुत सशक्त प्रस्तुति. उत्कृष्ट रचना के लिए आभार.

    ReplyDelete
  28. अत्यंत शशक्त प्रस्तुति....
    अब नहीं आयेगा कोई राम
    मुक्त करने सीता को,
    जागना होगा उसे स्वयं
    और पहचाननी होगी
    अपनी शक्ति
    मुक्त होने को रावण से.
    क्योंकि राम भटक गए हैं इस बिया बन में
    अहिल्या को मुक्त करने के अथक प्रयत्न में ...
    आभार एवं हार्दिक अभिनन्दन !!!

    ReplyDelete