(1)
चहरे पर
जीवन के
उलझी पगडंडियां
उलझा कर रख देतीं
जीवन के हर पल को,
जीवन की संध्या में
झुर्रियों की गहराई में
ढूँढता हूँ वह पल
जो छोड़ गये निशानी
बन कर पगडंडी चहरे पर।
उलझी पगडंडियां
उलझा कर रख देतीं
जीवन के हर पल को,
जीवन की संध्या में
झुर्रियों की गहराई में
ढूँढता हूँ वह पल
जो छोड़ गये निशानी
बन कर पगडंडी चहरे पर।
(2)
होता
नहीं विस्मृत
छोड़ा था हाथ
ज़िंदगी के
जिस मोड़ पर।
छोड़ा था हाथ
ज़िंदगी के
जिस मोड़ पर।
ठहरा है
यादों का कारवां
आज भी उसी मोड़ पर,
शायद देने को साथ
मेरे प्रायश्चित में
थम गया है वक़्त भी
उसी मोड़ पर।
आज भी उसी मोड़ पर,
शायद देने को साथ
मेरे प्रायश्चित में
थम गया है वक़्त भी
उसी मोड़ पर।
(3)
आसान कहाँ हटा
देना
तस्वीर दीवार से
पुराने कैलेंडर की तरह,
टांग देते नयी तस्वीर
पुरानी ज़गह पर,
लेकिन रह जाती
खाली जगह तस्वीर के पीछे
दिलाने याद उम्र भर।
तस्वीर दीवार से
पुराने कैलेंडर की तरह,
टांग देते नयी तस्वीर
पुरानी ज़गह पर,
लेकिन रह जाती
खाली जगह तस्वीर के पीछे
दिलाने याद उम्र भर।
...©कैलाश शर्मा
बहुत खूब ... तीनों लाजवाब ... और आखरी तस्वीर वाली दिल में उतर जाती है ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteएक नज़र मेरे पोस्ट्स पर भी डालिएगा उम्मीद है आपको पसंद आएँगी
Deletemerealfaaz18.blogspot.com
आभार...
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन अंजू बॉबी जॉर्ज और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteआभार..
Deleteबहुत सुंदर आपकी रचना लाज़वाब👌👌
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Deleteएक नज़र मेरे पोस्ट्स पर भी डालिएगा उम्मीद है आपको पसंद आएँगी
merealfaaz18.blogspot.com
एक क्षणिका कितनी प्रभावशाली हो सकती है कभी-कभी जीवनभर के लिए हमारे साथ चिपक सकती है इसकी सुन्दर बानगी हैं आदरणीय कैलाश शर्मा जी की क्षणिकाएं। बधाई।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर।
ReplyDeleteतीनों ही क्षणिकाएं बहुत खूबसूरत हैं , भावनाओं को व्यक्त करती हुई लेकिन मुझे आखिरी वाली बहुत ही सुन्दर और प्रभावी लगी ! जब आपके पास मौका होता है तुलना हो ही जाती है :-)
ReplyDeleteयादों का कोलाज...
ReplyDeleteहोता नहीं विस्मृत
ReplyDeleteछोड़ा था हाथ
ज़िंदगी के
जिस मोड़ पर।
ठहरा है यादों का कारवां
आज भी उसी मोड़ पर,
शायद देने को साथ
मेरे प्रायश्चित में
थम गया है वक़्त भी
उसी मोड़ पर।
भावनाओं को सजीव करते शब्द, भावनापूर्ण अभिव्यक्ति। सुंदर
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह ! क्या बात है! बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति ! बहुत सुंदर आदरणीय।
ReplyDeleteजीने का सहारा बनती यादें ।
ReplyDeleteसुंदर क्षणिकाएं ।
Achhi Rachna hai
ReplyDeleteself publishing India
बहुत सुन्दर रचना..... आभार
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग की नई रचना पर आपके विचारों का इन्तजार।
बहुत खूब , मंगलकामनाएं आपको !
ReplyDeleteआपके द्धारा प्रस्तुत तीनों क्षणिकाएं बहुत ही सुंदर और प्रभावी है। तस्वीर के पीछे बाकी रह जाते हैं तस्वीर के निशान। यह पंक्तियां खुद ही अपनी सार्थकता बयां कर देती हैं। अच्छे लेखन के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं।
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Deleteएक नज़र मेरे पोस्ट्स पर भी डालिएगा उम्मीद है आपको पसंद आएँगी
merealfaaz18.blogspot.com
उमदा ❤️
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ReplyDeleteएक नज़र मेरे पोस्ट्स पर भी डालिएगा उम्मीद है आपको पसंद आएँगी
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शब्दों में अंतस की विकल भावनाए सजीव हो झांक रही हैं -------
ReplyDeleteValentine Gifts Online
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