न लिखा था कोई ख़त
न दिया था कोई गुलाब
न ही किया था कोई वादा,
चलते रहे थे साथ
यूँ ही कुछ दूरी तक
अपने अपने ख्वाब
अंतस में छुपाये।
न दिया था कोई गुलाब
न ही किया था कोई वादा,
चलते रहे थे साथ
यूँ ही कुछ दूरी तक
अपने अपने ख्वाब
अंतस में छुपाये।
न जाने क्यों
न ढल पाये भाव
शब्दों में,
बदल गयीं राहें
न जाने किस मोड़ पर
कब अनजाने में।
छटपटाता है आज़ वह मौन
न ढल पाये भाव
शब्दों में,
बदल गयीं राहें
न जाने किस मोड़ पर
कब अनजाने में।
छटपटाता है आज़ वह मौन
पश्चाताप
के चंगुल में,
नहीं कोई निशानी साथ में
कोरे हैं आज भी पन्ने,
नहीं कोई गुलाब
किताबों के बीच।
नहीं कोई निशानी साथ में
कोरे हैं आज भी पन्ने,
नहीं कोई गुलाब
किताबों के बीच।
केवल ताज़ा है
वह कुछ
पल का साथ
आज़ भी यादों में।
आज़ भी यादों में।
....© कैलाश शर्मा
बहुत खूब , श्री कैलाश शर्मा जी
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुंदर !
ReplyDeletelaajawab rachna h sir....:-)
ReplyDeleteबेहतरीन , रचना व लेखन , आ. सर धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन नाख़ून और रिश्ते - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआभार..
Deleteबस यही याद तो हमारी पूंजी है जीने के लिए..
ReplyDeleteअति सुन्दर. बहुत भावपूर्ण शब्द.
ReplyDeleteमन को छू गई ये रचना। आपकी लेखनी सचमुच सजीव है।
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति...
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति :)
ReplyDeleteअनकही दास्ताँ स्मृतियों में रही !
ReplyDeleteभावपूर्ण !
कैलाश जी,
ReplyDeleteकुछ अलग सा में सा स्वागत है. यूँही स्नेह बना रहे.
बहुर खूबसूरती से सहेजी हैं यादें
ReplyDeleteवाह !.. बेहतरीन रचना ...
ReplyDeleteकोमल भावों से सजी कविता..
ReplyDeleteकुछ पल का साथ बना रहे। मनभावन।
ReplyDeletevery nicely written.
ReplyDeleteVinnie
मीठी यादें |
ReplyDeleteजहाँ सब नश्वर है वहां बस ये यादें ही ही सब कुछ है. सुन्दर रचना.
ReplyDeleteAt the end of the day, it is just memories that we are left with...a beautiful poem :)
ReplyDeleteVery beautiful and touching.
ReplyDeleteखूबसूरत अभिव्यक्ति, सुंदर जज्बात. यादें कुछ ऎसी हीं होती हैं...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति... सुन्दर भाव
ReplyDeleteबहुत अच्छा... आपके अंतरमन की आवाज़ |
ReplyDeleteकेवल ताज़ा है
ReplyDeleteवह कुछ पल का साथ
आज़ भी यादों में।
.........................sach kaha ks....
अनुपम भाव सन्योजन .....
ReplyDeleteआभार
Very nice
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteवाह बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeletesunder kavita hai ji
ReplyDeleteयादें तो हैं जाने को ... वो ही काफी हैं ... बहुत ही भावपूर्ण ...
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