Sunday, March 12, 2017

दुख दर्द दहन हो होली में

दुख दर्द दहन हो होली में,
हो रंग ख़ुशी के होली में।

तन मन आंनदित हो जाये,
जब रंग उड़ेंगे होली में।

सब भेद भाव मिट जायेंगे,
जब गले मिलेंगे होली में।

जब पिया गुलाल लगायेंगे,
तन मन सिहरेगा होली में।


मन से मन का जब रंग मिले,
तन रंग न चाहे होली में।

...©कैलाश शर्मा 

Tuesday, March 07, 2017

बेटी

आँगन है चहचहाता, जब होती बेटियां,
गुलशन है महक जाता, जब होती बेटियां।

आकर के थके मांदे, घर में क़दम रखते,
हो जाती थकन गायब, जब होती बेटियां।

रोशन है रात करतीं, जुगनू सी चमक के,
जीने की लगन देती, जब होती बेटियां।

जीवन में कुछ न चाहा, बस प्यार बांटती,
दिल में है दर्द होता, गर रोती बेटियां।

जाती हैं दूर घर से, यादें हैं छोड़ कर,
आँखों में ख़ाब बन के, बस सोती बेटियां।

...©कैलाश शर्मा