बुद्ध नहीं एक व्यक्ति विशेष
बुद्ध है बोध अपने "मैं" का
एक मार्ग पहचानने का अपने आप को,
नहीं करा सकता कोई और
पहचान मेरी मेरे "मैं" से,
मिटाना होगा स्वयं ही
अँधेरा अपने अंतस का,
'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
यह है एक शाश्वत सत्य,
अनंत प्रकाश को जीवन में
बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
किसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
शेष जीवन राह में।
जलाओ दीपक अपने अंतस में
समझो अर्थ अपने होने का,
बढ़ो उस राह जो हो आलोकित
स्व-प्रज्वलित ज्ञान दीप से।
बुद्ध है बोध अपने "मैं" का
एक मार्ग पहचानने का अपने आप को,
नहीं करा सकता कोई और
पहचान मेरी मेरे "मैं" से,
मिटाना होगा स्वयं ही
अँधेरा अपने अंतस का,
'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
यह है एक शाश्वत सत्य,
अनंत प्रकाश को जीवन में
बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
किसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
शेष जीवन राह में।
जलाओ दीपक अपने अंतस में
समझो अर्थ अपने होने का,
बढ़ो उस राह जो हो आलोकित
स्व-प्रज्वलित ज्ञान दीप से।
...© कैलाश शर्मा
वाह बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteस्वयं को जानने की प्रेरणा देती हुई बहुत ही खूबसूरत रचना। अति सुन्दर।
ReplyDeleteस्वयं को जानने की प्रेरणा देती हुई बहुत ही खूबसूरत रचना। अति सुन्दर।
ReplyDeleteअप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
ReplyDeleteयह है एक शाश्वत सत्य,
अनंत प्रकाश को जीवन में
बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
किसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
शेष जीवन राह में।
खुद को जान लेना परमात्मा को जान लेना है ! सुन्दर अभिव्यक्ति आदरणीय शर्मा जी
Publish online book with best Ebook Publishing company in India
ReplyDeleteस्वयं को खोजना ही तो बुद्ध हो जाना है ...
ReplyDeleteब्शुत सुन्दर भावमय रचना ...
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (22-05-2016) को "गौतम बुद्ध का मध्यम मार्ग" (चर्चा अंक-2350) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
बुद्ध पूर्णिमा की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार..
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...सार्थक रचना
ReplyDelete'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
ReplyDeleteयह है एक शाश्वत सत्य,
अनंत प्रकाश को जीवन में
बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
किसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
शेष जीवन राह में।
बिलकुल सत्य ।
'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
ReplyDeleteयह है एक शाश्वत सत्य,
अनंत प्रकाश को जीवन में
बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
किसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
शेष जीवन राह में।
बिलकुल सत्य ।
जलाओ दीपक अपने अंतस में
ReplyDeleteसमझो अर्थ अपने होने का,
बढ़ो उस राह जो हो आलोकित
स्व-प्रज्वलित ज्ञान दीप से।
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बहुत सार्थक संदेश
अपने आप में स्वयं के लिए दीप जल कर स्वयं को तलासना ही बुद्ध का सन्देश है । बहुत सुंदर ।
ReplyDeleteबनना होता अपना दीप स्वयं ही,
ReplyDeleteकिसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
यही तो है जीवन का सार ।
पथ-प्रदर्शन करती गहन रचना ।
बहुत ही सुंदर रचना। महात्मा बुद्ध को समर्पित बहुत ही भावपूर्णं रचना, अपनी सार्थकता खुुद बयां कर रही है।
ReplyDeleteअब RS 50,000/महीना कमायें
ReplyDeleteWork on FB & WhatsApp only ⏰ Work only 30 Minutes in a day
आइये Digital India से जुड़िये..... और घर बैठे लाखों कमाये....... और दूसरे को भी कमाने का मौका दीजिए... कोई इनवेस्टमेन्ट नहीं है...... आईये बेरोजगारी को भारत से उखाड़ फैंकने मे हमारी मदद कीजिये.... 🏻 🏻 बस आप इस whatsApp no 8017025376 पर " INFO " लिख कर send की karO.
अप्प दीपो भव सूत्र को लेकर बहुत ही खूबसूरत, प्रेरक और प्रभावी रचना।
ReplyDeleteअगर आप ऑनलाइन काम करके पैसे कमाना चाहते हो तो हमसे सम्पर्क करें हमारा मोबाइल नम्बर है +918017025376 ब्लॉगर्स कमाऐं एक महीनें में 1 लाख से ज्यादा or whatsap no.8017025376 write. ,, NAME'' send ..
ReplyDelete