Saturday, May 21, 2016

अप्प दीपो भव

बुद्ध नहीं एक व्यक्ति विशेष
बुद्ध है बोध अपने "मैं" का
एक मार्ग पहचानने का अपने आप को,
नहीं करा सकता कोई और
पहचान मेरी मेरे "मैं" से,
मिटाना होगा स्वयं ही
अँधेरा अपने अंतस का,
'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
यह है एक शाश्वत सत्य,
अनंत प्रकाश को जीवन में 
बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
किसी अन्य का दीपक
कर सकता रोशन राह
केवल कुछ दूर तक,
फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
शेष जीवन राह में।

जलाओ दीपक अपने अंतस में
समझो अर्थ अपने होने का,
बढ़ो उस राह जो हो आलोकित
स्व-प्रज्वलित ज्ञान दीप से।

...© कैलाश शर्मा 

19 comments:

  1. स्वयं को जानने की प्रेरणा देती हुई बहुत ही खूबसूरत रचना। अति सुन्दर।

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  2. स्वयं को जानने की प्रेरणा देती हुई बहुत ही खूबसूरत रचना। अति सुन्दर।

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  3. अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
    यह है एक शाश्वत सत्य,
    अनंत प्रकाश को जीवन में
    बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
    किसी अन्य का दीपक
    कर सकता रोशन राह
    केवल कुछ दूर तक,
    फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
    शेष जीवन राह में।
    खुद को जान लेना परमात्मा को जान लेना है ! सुन्दर अभिव्यक्ति आदरणीय शर्मा जी

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  4. स्वयं को खोजना ही तो बुद्ध हो जाना है ...
    ब्शुत सुन्दर भावमय रचना ...

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  5. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (22-05-2016) को "गौतम बुद्ध का मध्यम मार्ग" (चर्चा अंक-2350) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    बुद्ध पूर्णिमा की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  6. बहुत सुंदर रचना

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  7. बहुत सुंदर ...सार्थक रचना

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  8. 'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
    यह है एक शाश्वत सत्य,
    अनंत प्रकाश को जीवन में
    बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
    किसी अन्य का दीपक
    कर सकता रोशन राह
    केवल कुछ दूर तक,
    फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
    शेष जीवन राह में।
    बिलकुल सत्य ।

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  9. 'अप्प दीपो भव' नहीं केवल एक सूत्र
    यह है एक शाश्वत सत्य,
    अनंत प्रकाश को जीवन में
    बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
    किसी अन्य का दीपक
    कर सकता रोशन राह
    केवल कुछ दूर तक,
    फ़िर अनंत अंधकार और भटकाव
    शेष जीवन राह में।
    बिलकुल सत्य ।

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  10. जलाओ दीपक अपने अंतस में
    समझो अर्थ अपने होने का,
    बढ़ो उस राह जो हो आलोकित
    स्व-प्रज्वलित ज्ञान दीप से।

    बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बहुत सार्थक संदेश

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  11. अपने आप में स्वयं के लिए दीप जल कर स्वयं को तलासना ही बुद्ध का सन्देश है । बहुत सुंदर ।

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  12. बनना होता अपना दीप स्वयं ही,
    किसी अन्य का दीपक
    कर सकता रोशन राह
    केवल कुछ दूर तक,

    यही तो है जीवन का सार ।
    पथ-प्रदर्शन करती गहन रचना ।

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  13. बहुत ही सुंदर रचना। महात्‍मा बुद्ध को समर्पित बहुत ही भावपूर्णं रचना, अपनी सार्थकता खुुद बयां कर रही है।

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  15. अप्प दीपो भव सूत्र को लेकर बहुत ही खूबसूरत, प्रेरक और प्रभावी रचना।

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