एक और लहर आयेगी और नई आशा जगायेगी । हां पर ये आपने सही कहा कि लहर जब लौटती है तो लगता है कि पांव के नीचे से धरती फिसल रही है ।खम शब्दों में सुंदर आशय ।
शानदार अभिव्यक्ति ! प्यारी रचना ! आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें ! मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है- http://seawave-babli.blogspot.com/ http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
जमीन से जुड़ा वज़ूद लहरों से प्रभावित होता ही है
ReplyDeletethode me hi bahut kuchh kah diya. gahen dard ko samaitTi sunder abhivyakti.
ReplyDeleteएक नयी लहर
ReplyDeleteआशा की,
लेकिन लौटते हुए
बहाकर ले जाती है..बहुत गहन अनुभूति लिए सुन्दर अहसास...
दीपावली की शुभकामनाएँ....
गहन अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteसुन्दर अभिवयक्ति कैलाश जी,
ReplyDeleteमैं इन पंक्तियों को अपने ब्लॉग के काव्य मंच पेज पर स्थान देना चाहता हूँ | यदि आपकी आज्ञा हो तो |
yakeenan phir lauta bhi jayega sood ke saath ...
ReplyDeleteलहरों सा उथल पुथल लिये जीवन।
ReplyDelete@ Vaneet Nagpal-आप इसे अपने ब्लॉग के काव्य मंच पेज पर स्थान दे सकते हैं.
ReplyDeleteवाह!!!! बहुत गहरे भाव लिए जीवन के सत्य को ब्यान करती शानदार अभिव्यक्ति सर बहुत खूब......
ReplyDeleteगहरी भावाभिव्यक्ति।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुतिकरण।
गहन सोच लिए सार्थक रचना.
ReplyDeleteरेत के साथ वजूद का एक हिस्सा बह जाना ..मार्मिक भाव समेटे रचना ...
ReplyDeleteA deep statement in a few words..!
ReplyDeleteRegards..!
और महसूस होता है
ReplyDeleteमेरे वज़ूद का एक और हिस्सा
बह गया है
उस रेत के साथ.
सुन्दर अभिवयक्ति.
एक और लहर आयेगी और नई आशा जगायेगी । हां पर ये आपने सही कहा कि लहर जब लौटती है तो लगता है कि पांव के नीचे से धरती फिसल रही है ।खम शब्दों में सुंदर आशय ।
ReplyDeleteवक़्त की लहर के साथ वजूद का हिस्सा...... बहुत खूब
ReplyDeleteबेहद खुबसूरत,बधाई..
ReplyDeleteकुछ और रेत
ReplyDeleteपैरों के नीचे से...खूबसूरत
wajood kaayam rahey bas...
ReplyDeleteखूबसूरत प्रस्तुति |
ReplyDeleteत्योहारों की नई श्रृंखला |
मस्ती हो खुब दीप जलें |
धनतेरस-आरोग्य- द्वितीया
दीप जलाने चले चलें ||
बहुत बहुत बधाई ||
सच का आईना दिखाती कविता।
ReplyDeleteसमय को चंद शब्दों में समेट कर पूर्ण विस्तार दे दिया आपने, धन्यवाद.
ReplyDeleteगहन अभिव्यक्ति... शुभकामनायें
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही गहरे भाव लिये हुये बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteउत्तम भावनात्मक कविता !
ReplyDeleteवक्त की रेत मे काफ़ी कुछ बह जाता है और जो बचता है वो ही अपना होता है।
ReplyDeletebahut gahan bhaav darshati hui kavita.umda...
ReplyDeleteलेकिन आती हुई लहर कुछ न कुछ नया दे भी जाती है...जीवन इसी का नाम है!
ReplyDeleteफिर भी हम लहरों के लिए बाँहे फैलाए रहते हैं..
ReplyDeleteकुछ अलग ही बात कहती हैं यह पंक्तियाँ।
ReplyDelete----
कल 22/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
हर लहर के साथ हमारे पैरों के नीचे रेत कम हो रहे हैं और एक हम हैं की अपने पांव की तरफ़ न देख आकाश की ओर निहार रहे हैं।
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत वाह!
ReplyDeleteऔर महसूस होता है
ReplyDeleteमेरे वज़ूद का एक और हिस्सा
बह गया है
उस रेत के साथ.
बहुत खुबसूरत..........ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी..........शानदार|
aasha ke baad niraasha jivan ka sach hai...
ReplyDeleteऔर महसूस होता है
मेरे वज़ूद का एक और हिस्सा
बह गया है
उस रेत के साथ.
niraasha mein bhi aashaa awshyambhaavi hai. bahut achchhi rachna, badhai.
प्रभावशाली रचना को सम्मान , पवों की सुभकामना ,
ReplyDeleteबधाईयाँ जी /
सरकती रेत... वाह!
ReplyDeleteबहुत शानदार अभिव्यक्ति.....
सादर बधाई...
बहुत ही प्यारी रचना....
ReplyDeleteसार्थक एवं सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने वक्त सच में कुछ ना कुछ ले जाता है हमसे...और हम खाली होते जाते हैं... पैरों के नीचे पड़े रेत कि तरह..
ReplyDeleteएक सम्पूर्ण जीवन दर्शन को समेटे बेहतरीन पंक्तियाँ ! बहुत ही अद्भुत रचना ! दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकार करें !
ReplyDeleteसच समय तिल तिल कर बहाता जाता है बहुत कुछ और अंत में सब कुछ !मार्मिक !
ReplyDeleteवक्त की लहरों के थपेड़ों से भला कौन बच सका है ?
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति।
जीवन भी तो फिसलता रहता इसी रेत की तरह ... बहुत खूब ... लाजवाब रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...गहरी बात
ReplyDeleteशानदार अभिव्यक्ति ! प्यारी रचना !
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
simply beautiful !!!
ReplyDelete