आँगन है चहचहाता, जब होती बेटियां,
गुलशन है महक जाता, जब होती बेटियां।
गुलशन है महक जाता, जब होती बेटियां।
आकर के थके मांदे, घर
में क़दम रखते,
हो जाती थकन गायब, जब होती बेटियां।
हो जाती थकन गायब, जब होती बेटियां।
रोशन है रात करतीं, जुगनू सी चमक के,
जीने की लगन देती, जब होती बेटियां।
जीवन में कुछ न चाहा, बस प्यार बांटती,
दिल में है दर्द होता, गर रोती बेटियां।
जाती हैं दूर घर से, यादें हैं छोड़ कर,
आँखों में ख़ाब बन के, बस सोती बेटियां।
जाती हैं दूर घर से, यादें हैं छोड़ कर,
आँखों में ख़ाब बन के, बस सोती बेटियां।
...©कैलाश शर्मा
सच है,भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबेटियां दूर जाकर भी दूर कहाँ जाती हैं..उनकी याद के दिये ही घर को रोशन किये रहते है..सुंदर भावपूर्ण रचना..
ReplyDeleteरोशन है रात करतीं, जुगनू सी चमक के,
ReplyDeleteजीने की लगन देती, जब होती बेटियां।
जीवन में कुछ न चाहा, बस प्यार बांटती,
दिल में है दर्द होता, गर रोती बेटियां।
बहुत सुन्दर ! हिन्दू प्रथा में तो ऐसा माना जाता है कि जब तक आप कन्यादान नही करते तब तक मोक्ष की प्राप्ति नही होती !!
Bahut khub....
ReplyDeleteBahut khoobsurat rachna. Betiya bahut mulyavan hoti hai...
ReplyDeleteMere blog ki new post par aapka swagat hai.
such much aap ki rachna m ek kashish h jo padhne wale ka man moh leti h keep posting and keep visiting://kahanikikitab.blogspot.in
ReplyDeletekailash ji namaskar sundar rachna betiyan sachmuch anmol hai
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteभावविभोर करती सुन्दर रचना....
ReplyDeleteभावविभोर करती सुन्दर रचना....
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है http://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/03/10.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteमित्र-मंडली का संग्रह नीचे दिए गए लिंक पर संग्रहित हैं।
http://rakeshkirachanay.blogspot.in/p/blog-page_25.html
आदरणीय कैलाश जी - बेटी के सम्मान को चार चाँद लगाती आपकी ये भावपूर्ण रचना पढ़ी | बेटी के होने से इन्सान की ममता पूरी होती है और ना होने से हमेशा अधूरी रहती है | ये ईश्वर का अनुपम वरदान है | बहुत अच्छा लिखा आपने ------
ReplyDeleteValentine Gifts Online
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