काश तुमसे न मैं मिला होता,
दर्द दिल में न ये पला होता।
दर्द दिल में न ये पला होता।
रौनकों की कमी न दुनिया में,
एक टुकड़ा हमें मिला होता।
एक टुकड़ा हमें मिला होता।
आसमां में हज़ार तारे हैं,
एक तारा मुझे मिला होता।
एक तारा मुझे मिला होता।
तू न मेरे नसीब में गर था,
इस जहाँ में न तू मिला होता।
ज़िंदगी कट रही बिना तेरे,
याद दे कर न तू गया होता।
नींद से टूटता नहीं नाता,
खाब तेरा न गर पला होता।
...© कैलाश शर्मा
नींद से टूटता नहीं नाता,
ReplyDeleteख्वाब तेरा न गर पला होता।
..प्यार में नींद हराम होना लाजमी है ..बहुत सुन्दर बानगी
वाह ।
ReplyDeleteआभार...
ReplyDeleteएक तारा हमें मिला होता ...
ReplyDeleteबहुत खूब ... हर शेर खूबसूरत है ... दिल की बात कहता हुआ ...
बहुत खूब सर
ReplyDeleteबहुत खूब सर
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteअच्छी ग़ज़ल है आदरणीय
ज़िंदगी कट रही बिना तेरे,
ReplyDeleteयाद दे कर न तू गया होता।
नींद से टूटता नहीं नाता,
खाब तेरा न गर पला होता।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय शर्मा जी !!
खूबसूरत रचना ....
ReplyDeleteप्रेम सेे फूटे शब्द।
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteअंतर्मन निकले सच्चे शब्द ।
ReplyDeleteतू न मेरे नसीब में गर था,
ReplyDeleteइस जहाँ में न तू मिला होता।
ज़िंदगी कट रही बिना तेरे,
याद दे कर न तू गया होता।
बहुत सुंदर।
काश तुमसे न मै मिला होता
ReplyDeleteदर्द दिल मे न ये पला होता।
रौनकों की कमी न दुनियां मे
एक टुकड़ा हमें मिला होता।
वाह ! बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीय।
बहुत ही सुंदर रचना की प्रस्तुति। याद देकर तू न गया होता। बेहद शानदार और भावपूर्णं रचना की प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत ख़ूब
ReplyDeleteबहुत ख़ूब
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