ज़िंदगी कुछ नहीं कहा तूने,
मौन रह
कर सभी सहा तूने।
रात भर अश्क़ थे रहे बहते,
पाक दामन
थमा दिया तूने।
लगी अनजान पर रही अपनी,
दर्द
अपना नहीं कहा तूने।
फूल देकर सदा चुने कांटे,
ज़ख्म
अपना छुपा लिया तूने।
मौत मंज़िल सही जहां जाना,
राह को पुरसुकूँ
किया तूने।
~~©कैलाश शर्मा
लगी अनजान पर रही अपनी,
ReplyDeleteदर्द अपना नहीं कहा तूने।
फूल देकर सदा चुने कांटे,
ज़ख्म अपना छुपा लिया तूने।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीय कैलाश शर्मा जी
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28-08-2016) को "माता का आराधन" (चर्चा अंक-2448) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार...
Deleteअर्थपूर्ण पंक्तियाँ
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 28 अगस्त 2016 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteआभार...
Deleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDelete..Behatreen !.
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ReplyDeletevery nice poem.
बहुत सुंदर....
ReplyDeleteजिंदगी तो यूँ ही सहती रहती है ... कभी दर्द और कभी सब कुछ सहती रहती है ... फिर भी चलती रहती है ... बहुत भावपूर्ण रचना है ...
ReplyDeleteज़िंदगी कुछ नहीं कहा तूने,
ReplyDeleteमौन रह कर सभी सहा तूने।
.. सच है जा तन लागि सो जाने ...
बहुत सुन्दर
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ऋषिकेश मुखर्जी और मुकेश - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
ReplyDeleteआभार...
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteमौन रह कर सभी सहा तूने।
ReplyDelete.. सच है जा तन लागि सो जाने ...
बहुत सुन्दर
सुन्दर रचना...
ReplyDeleteजिंदगी कुछ नहीं कहा तूने,
ReplyDeleteमौन रह कर सभी सहा तूने।
ज़िंदगी तब सार्थक हो जाती है ।
मन को स्नेहसिक्त कर देने वाली ग़ज़ल ।
बहुत अनुभूति-प्रवण पंक्तियाँ !
ReplyDeleteवाह!बेहतरीन रचना....बहुत बहुत बधाई......
ReplyDeleteबेहद सुंदर और प्रभावी रचना की प्रस्तुति। इस रचना की एक एक पंक्ति दिल को छू गई।
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteफूल देकर सदा चुने कांटे,
ReplyDeleteज़ख्म अपना छुपा लिया तूने।
बहुत खूब ...