जीवन की सांझ
एक नयी सोच
एक नया दृष्टिकोण,
एक नया ठहराव
सागर की लहरों का,
एक प्रयास समझने का
जीवन को जीवन की नज़र से।
एक नयी सोच
एक नया दृष्टिकोण,
एक नया ठहराव
सागर की लहरों का,
एक प्रयास समझने का
जीवन को जीवन की नज़र से।
*****
होता है कभी आभास
किसी के साथ होने का
घर के सूनेपन में,
दिखाता है कितने खेल
यह सूनापन
बहलाने को एकाकी मन।
किसी के साथ होने का
घर के सूनेपन में,
दिखाता है कितने खेल
यह सूनापन
बहलाने को एकाकी मन।
*****
ज़िंदगी
एक अधूरी नज़्म,
तलाश कुछ शब्दों की
जो छूट गए पीछे
किसी मोड़ पर।
एक अधूरी नज़्म,
तलाश कुछ शब्दों की
जो छूट गए पीछे
किसी मोड़ पर।
...©कैलाश शर्मा
सुन्दर।
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 01 फरवरी 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआभार...
Deleteजिंदगी जाने कितने ही रंगों और मोड़ों से गुजरती है, जिसे कोई नहीं जानता
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
bahut sundar
ReplyDeleteबहुत ख़ूब है हर शब्द ... ज़िंदगी की हर नज़्म भी तो पूरी करनी है इन शब्दों में ...
ReplyDeleteआभार...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा article है। ......... very nice ......... Thanks for sharing this article!! :)
ReplyDeleteसहीं कहाँ आपने एक उर्म के बाद मानव जीवन को हर उस कोण से समझने का प्रयास करता हैं। जो बह वहाँ नहीं कर पाया , जहाँ वो कल खड़ा था । बचपन में लोग हमें समझाते हैं। जवानी में हम उन चिजों का पऱिक्षण करते हैं। और बुड़ापें में बच्चों को समझाते हैं।
ReplyDeleteसुन्दर शब्द रचना
ज़िदगी एक अधूरी नज़्म ------
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुंदर आदरणीय ! बहुत सुंदर।
होता है कभी आभास
ReplyDeleteकिसी के साथ होने का
घर के सूनेपन में,
दिखाता है कितने खेल
यह सूनापन
बहलाने को एकाकी मन।
बढ़िया प्रस्तुति आदरणीय शर्मा जी !!
एकाकी मन अक्सर यादों की भीड़ से घिर ही जाता है ।
ReplyDeleteभावसिक्त क्षणिकाएं ।
भावपूर्ण रचना..
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है .............. http://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/02/5.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteभावपूर्ण शब्द..
ReplyDeleteबढ़िया.
जीवन की सांझ तक चलते -चलते काफी उतार-चढावों के
ReplyDeleteअनुभव से जीवन के बारे में दृष्टिकोण अनुभवी एवं नया होना लाजमी है इसकी बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति की है आपने।
वाह!!!बहुत सुन्दर........
हर क्षणिका कम से कम शब्दों में सघन भावों से भरी है. हृदयस्पर्शी क्षणिकाएं. बधाई!
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