नहीं अच्छा लगता
लगवाना चहरे पर
हरे, पीले, लाल फ़ीके रंग,
जो रंग देते हैं
केवल तन को
और रह जाता है अंतर्मन
बिलकुल कोरा.
दूरियाँ हैं केवल तन की
पर मन कहाँ मानता
इन दूरियों को,
मनाता है अब भी होली
बैठ कर अकेले कमरे में.
ले आती हैं
तुम्हारी यादें
अनेक रंग चहरे पर
और मन जाती है होली
मेरी तुम्हारे साथ.
होली की हार्दिक शुभकामनाएं.
(अपने भोपाल प्रवास की वजह से कुछ समय से मैं अपने मित्रों के ब्लॉग पर नहीं जा पा रहा हूँ, जिसके लिये क्षमा प्रार्थी हूँ.)
कैलाश शर्मा
लगवाना चहरे पर
हरे, पीले, लाल फ़ीके रंग,
जो रंग देते हैं
केवल तन को
और रह जाता है अंतर्मन
बिलकुल कोरा.
दूरियाँ हैं केवल तन की
पर मन कहाँ मानता
इन दूरियों को,
मनाता है अब भी होली
बैठ कर अकेले कमरे में.
ले आती हैं
तुम्हारी यादें
अनेक रंग चहरे पर
और मन जाती है होली
मेरी तुम्हारे साथ.
होली की हार्दिक शुभकामनाएं.
(अपने भोपाल प्रवास की वजह से कुछ समय से मैं अपने मित्रों के ब्लॉग पर नहीं जा पा रहा हूँ, जिसके लिये क्षमा प्रार्थी हूँ.)
कैलाश शर्मा
ले आती हैं
ReplyDeleteतुम्हारी यादें
अनेक रंग चहरे पर
और मन जाती है होली
मेरी तुम्हारे साथ.
Bahut,baht sundar!
Holi kee anek shubh kamnayen!
"और मन जाती है होली
ReplyDeleteमेरी तुम्हारे साथ"
दिल को छूती पंक्तियाँ।
स्मृति रंग भर जाती है..
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति,सुंदर भाव अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteहोली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteहोली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!
सुन्दर रचना ... होली की शुभकामना ...
ReplyDeletebahut bhaavnapradhan rachna holi ki shubhkamnayen.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteरंगों की बहार!
छींटे और बौछार!!
फुहार ही फुहार!!!
होली का नमस्कार!
रंगों के पर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!
आपके होली के रंग बहुत ही सुहावने लगे.
ReplyDeleteहोली की आपको व् समस्त जन को हार्दिक शुभकामनाएँ.
नहीं अच्छा लगता
ReplyDeleteलगवाना चहरे पर
हरे, पीले, लाल फ़ीके रंग,
जो रंग देते हैं
केवल तन को
और रह जाता है अंतर्मन
बिलकुल कोरा
सोचने योग्य बात ...
होली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत ही गहरे रंगों और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
ReplyDeleteबहुत प्यारी अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteहोली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!!!
सादर
होली की शुभकामनायें .....हैप्पी होली....
ReplyDeleteहरे, पीले, लाल फ़ीके रंग,
ReplyDeleteजो रंग देते हैं
केवल तन को
और रह जाता है अंतर्मन
बिलकुल कोरा..बहुत सुन्दर, कभी कभी व्यक्ति भीड़ में भी तन्हा महसूस करता है.
होली अब ऐसे ही लगती है,
ReplyDeleteतन से ज़्यादा मन को रंगती है !
सुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteहोली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
होली की शुभकामनायें...
ReplyDelete**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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होली और ऐसी उदासी ... रंगों के रंग में उतार दिजिय ...
ReplyDeleteआपको और परिवार में सभी को होली की शुभ कामनाएं ...
यादों के रंग कभी फीके नहीं होते!
ReplyDeleteयादो के संग
ReplyDeleteहोली के रंग
दिल पर और गहरे
हो जायेंगे ...
होली की शुभकामनएं
बहुत समयानुकूल रचना |होली पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteआशा
ले आती हैं तुम्हारी यादें
ReplyDeleteअनेक रंग चहरे पर...
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
होली की लख -लख बधाईयाँ , सुखी समृद्ध सरस गरिमामयी होली की कामना ,शुभकामना ......./
ReplyDeleteभावपूर्ण प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteआपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
ये भी तो होली ही है.. सुन्दर लिखा है..
ReplyDeleteले आती हैं तुम्हारी यादें
ReplyDeleteअनेक रंग चहरे पर...
बहूत सुंदर भाव...सुंदर प्रस्तुती..
होली पर्व कि ढेर सारी शुभ कामनाये
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की शुभकामनाएँ!
जीवन के हज़ारो रंगों को एक में देख लीजिए ........
ReplyDeleteसुंदर , भावपूर्ण रचना।
ReplyDeleteहोली की ढेर सारी शुभकामनाएं।
सुंदर प्रस्तुति ....!!
ReplyDeleteशुभकामनायें ...
सुंदर , भावपूर्ण रचना।
ReplyDeleteहोली की ढेर सारी शुभकामनाएं।
lovely lines :)
ReplyDeleteEnjoy your stay in Bhopal !!
कविता के भाव मर्म को स्पर्श कर रहे हैं।
ReplyDeleteले आती हैं
ReplyDeleteतुम्हारी यादें
अनेक रंग चहरे पर
और मन जाती है होली
मेरी तुम्हारे साथ.
.....bahut sunder ....yah yaaden hi hai jab man me aayi holi ke pyar bhare rango se rang gayi . puri rachna bahut khas lagi dil ko chuti hui .
happy rangpanchmai aapko aur aapke parivar ko .
आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स वीकली मीट (३४) में शामिल की गई है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप इसी तरह मेहनत और लगन से हिंदी की सेवा करते रहें यही कामना है /आभार /लिंक है
ReplyDeletehttp://hbfint.blogspot.in/2012/03/34-brain-food.html
दूरियाँ हैं केवल तन की
ReplyDeleteपर मन कहाँ मानता
इन दूरियों को,
मनाता है अब भी होली
बैठ कर अकेले कमरे में.
bahut hi prabhavshali dhang holi khelane bat ...bilkul lajbab prastuti ....badhai sweekaren sharma ji.
अनचाहे दर्द जीवन में कोई कमी को परिभाषित करने में सफल रचना सुन्दर रचना |
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteनहीं अच्छा लगता
ReplyDeleteलगवाना चहरे पर
हरे, पीले, लाल फ़ीके रंग,
जो रंग देते हैं
केवल तन को
और रह जाता है अंतर्मन
बिलकुल कोरा= भावपूर्ण रचना। होली की शुभकामनाएँ!