Tuesday, July 01, 2014

एक टुकड़ा बादल

एक टुकड़ा बादल       
भटक कर अपनी राह
बरस गया मेरे आँगन में,
बुझा गया प्यास
वर्षों से तृषित अंतर्मन की.

बरसते हैं बादल आज भी
भिगो कर गुज़र जाते आँगन भी
पर प्यासा ही रह जाता अंतर्मन.

तलाशती हैं आँखें
बादल का वह टुकड़ा
गुज़रते घने बादलों में 
आज़ भी.

...कैलाश शर्मा 

28 comments:

  1. एकदम बढ़िया ! सुन्दर प्रस्तुति श्री कैलाश शर्मा जी

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  2. जीवन के हर पड़ाव पर मायने बदल जाते...बातों के , चीज़ों को....

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  3. कौन जाने बादल का टुकड़ा तो उसी तरह से आता हो लेकिन मन की असम्पृक्तता उसे पहचान ही न पाती हो ! बहुत सुंदर रचना !

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  4. वो बादल जरूर आएगा लौट कर ... अंतर्मन को तृप्त करेगा ...

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  5. लौट आओ ओ बादल के छोटे टुकड़े।
    बेहतरीन।

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  6. बादल ऐसे बरसे की मन तृष्णा बुझ जाये बेहतरीन रचना ....

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  7. bahut sundar ....mn ka chitrakan ---

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  8. खूबसूरत अभिव्यक्ति.... ऐसे बादलों की तलाश हर किसी को है जो अंतर्मन को तृप्त कर दे. कहाँ गये वो निराले बादल.

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  9. बादल के उस एक टुकड़े की तलाश या आस शायद हर मन को रहा करती है ...बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति।

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  10. बादल तो हर बरस आते हैं...पर चातक को तो स्वाति नक्षत्र की प्रतीक्षा रहती है

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  11. भावमय करते शब्‍द ..... अनुपम प्रस्‍तुति

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  12. बेहद उम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
    नयी पोस्ट@दर्द दिलों के
    नयी पोस्ट@बड़ी दूर से आये हैं

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  13. बरसते हैं बादल आज भी
    भिगो कर गुज़र जाते आँगन भी
    पर प्यासा ही रह जाता अंतर्मन.
    bhavpoorn abhivyakti ...

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  14. भावपूर्ण अभिव्यक्ति |शानदार रचना |

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  15. एक बादल एक बार ही बरसता है पर मन उसे फिर-फिर बरसाने को लालायित है.....सुन्दर भाव |

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  16. सुन्दर प्रस्तुति...

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  17. बहुत सुंदर

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  18. सुन्दर प्रस्तुति

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  19. वाह... बहुत सुन्दर लिखा है आपने
    http://kaynatanusha.blogspot.in/

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  20. वो बादल का टुकड़ा, जो संतृप्ति देता है, बड़े भाग्य से बरसता है! आशा है फिर से आपके मन-आँगन में बरसेगा!
    सादर
    मधुरेश

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  21. प्‍यास ऐसी केवल प्रेम की ही हो सकती है।

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  22. सुंदर प्रस्तुति

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  23. कल 08/जुलाई /2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  24. Sarthak hraday ko chuti rachna..... Badhayi dhero shubhkannaayein Kailash Sharma ji......

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