जब भी देखता
अपनी सूरत आईने में
पाता खड़े पीछे
मेरे कंधे पर हाथ रखे,
लेकिन मुड़कर देखने पर
पाता एक खाली पन,
शायद तुम्हारी स्मृतियां
समा गयी हैं इस आईने में.
पाने को छुटकारा
तुम्हारी यादों से
हटा दिया आईना
दीवार से.
पर आईने की खाली जगह
और भी जगाती यादें
आईने की
और उसमें तुम्हारी परछाईं की.
दीवारें खंडहर हो जाती हैं
उस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
कैलाश शर्मा
लेकिन स्मृतियां
ReplyDeleteखंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
स्मृतियाँ कहाँ पीछा छोड़ती हैं .... सुंदर प्रस्तुति
बहुत ही सुन्दर ।
ReplyDeleteस्मृतियों का कोना हमेशा सुरक्षित रहता ही है!
ReplyDeleteसुन्दर रचना!
सादर!
दीवारें खंडहर हो जाती हैं
ReplyDeleteउस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
उफ़ …………यही तो यादों की कहानी होती है बेहद उम्दा चित्रण
आइना तो बहाना हैं....
ReplyDeleteस्मृतियाँ तो मन के भीतर दबी रहती हैं.....टीसती रहतीं हैं....
सादर
अनु
आइने जितने भी हटा दो यादें नहीं जाती ... समय के साथ बदती जाती हैं ये यादें ... बहुत लाजवाब रचना ...
ReplyDeleteस्मृतियाँ नहीं छोड़ती....सच है ...
ReplyDeleteसुंदर रचना ...
स्मृतियाँ तो मन के भीतर होती हैं..आईना हटा कर भी क्या होगा......सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteयादें स्थाई होती हैं, जिनती पुरानी होती जाती हैं उतनी गहरी होती जाती हैं... लाजवाब रचना... सादर
ReplyDeleteखूबसूरत आइना...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना..
ReplyDelete:-)
भावपूर्ण...मन के भीतर का आइना हटाना सम्भव नहीं !!
ReplyDeleteआईने ने शायद यह एहसास जगा दिया होगा कि वह तो आई ना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
दीवारें खंडहर हो जाती हैं
ReplyDeleteउस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में... यही तो अपनी हैं
लेकिन स्मृतियां
ReplyDeleteखंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
yaden aisi hi hotoi hae,aise hi pareshan karti hae, SUNDAR RACHNA
बहुत ही सुन्दर !
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 05 -07-2012 को यहाँ भी है
ReplyDelete.... आज की नयी पुरानी हलचल में .... अब राज़ छिपा कब तक रखे .
लेकिन स्मृतियां
ReplyDeleteखंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
बहुत उम्दा भाव,अभिव्यक्ति,,,सुंदर रचना,,,,
MY RECENT POST...:चाय....
दीवारें खंडहर हो जाती हैं
ReplyDeleteउस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में ।
यादों का ये छल !
लेकिन स्मृतियां
ReplyDeleteखंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
Sach hai.... Sada Jeevan se Judi Rahati Hain Yaaden....
जितना आईने से दूर जाओगे,उतना ही वह सामने होगा...हकीकत बनकर !
ReplyDeleteस्मृतियाँ नहीं जाती...
ReplyDeleteअनुपम प्रस्तुति .स्मृति जब हिमोग्लोबिन बन जाए तब क्या करे कोई ..
ReplyDeleteबहुत उम्दा स्मृतियाँ लाजवाब रचना....!!!
ReplyDeleteदिल के हर कोने में बिखर रहा है काँधे पर रखे हाथ का अहसास..साथ ही खुद के होने का भी..
ReplyDeleteदर्पण से डर लगता है, सच्चाई दिखने लगती है..
ReplyDeleteदीवारें खंडहर हो जाती हैं
ReplyDeleteउस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
Kitna sahee kaha aapne! In se na jane kaise peechha chhudaya jaye?
दीवारें खंडहर हो जाती हैं
ReplyDeleteउस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में....bahut sahi satik sundar shabdo se bayan ki aapne dstaan , badhai aapko
बहुत सुंदर
ReplyDeleteदीवारें खंडहर हो जाती हैं
ReplyDeleteउस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
बस स्मरण करने की देर होती है ...
स्मृतियाँ ताउम्र साथ रहती हैं...चाहे खंडहर होकर बिखर जाएँ...आइने के माध्यम से दिल के दर्द को बयान करती सुंदर रचना !
ReplyDeleteमन को छू लेने वाली रचना .......
ReplyDeleteस्मृतियाँ कहाँ पीछा छोड़ती हैं ....
ReplyDelete......... सुंदर प्रस्तुति..........
दीवारें खंडहर हो जाती हैं
ReplyDeleteउस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
..सच स्मृतियां किसी न किसी रूप में हमारे सामने आकर मन में हलचल मचा जाती हैं ..
बहुत बढ़िया
जिनके पास भी पवित्र स्मृतियां हैं उनका जीवन धन्य है।
ReplyDeleteदीवारें खंडहर हो जाती हैं
ReplyDeleteउस पर टंगा आईना हट जाता है,
लेकिन स्मृतियां
खंडहर होकर भी
और बिखर जाती हैं
दिल के हर कोने में.
सही कहा आपने कुछ स्मृतियाँ जिंदगी भर हमारे साथ रहती हैं.
सुंदर रचना !
साभार !!
भावो को शब्दों में उतार दिया आपने.................
ReplyDeletesmrutiyan aur aaina..sundar bimb man ke bhavo ko kahne ke liye..
ReplyDeletesmritiyaan dharohar hoti hain .....ab unase kayaa peechha chhudaana .....wo to sanjokar rakhane waali cheej hai
ReplyDeleteआईना कभी झूठ नहीं बोलता ...सच का प्रतीक...जिसे ये मन कभी नहीं मानता
ReplyDeletepostingan yang bagus tentang"आईना"
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