अमर
प्रेम के ऐतिहासिक प्रतीक
ब्लॉग जगत में दो वर्ष
१३ जुलाई, २०१२ को यह ब्लॉग २ वर्ष का हो गया. इसका श्रेय जाता है आप सब के सहयोग, समर्थन, स्नेह और प्रोत्साहन को.
ताज
महल की प्रष्ठभूमि में,
भीगते
मेघ की बूंदों से
जब
पकड़ कर तुम्हारी मादक हथेली
खींचीं
थीं कुछ काल्पनिक लकीरें
अपनी
किस्मत की,
कितने
जग गये थे स्वप्न
रुत
हो गयी और मनभावन,
हो
न पाया दिल
मुखर
चाह कर भी,
पर
निगाहें बन गयीं
खामोशी
की जुबां.
बारिस
अब भी होती है
हवायें
अब भी गुनगुनाती हैं
प्रीत
के मधुर गीत,
लेकिन
तुम्हारी स्मृतियों में डूबा
नहीं
करता मन मयूर नृत्य,
ढूँढता
है काले बादलों में
एक
सलोना चेहरा
जिसे
देख बजने लगती थी
मृदंग
कभी दिल में.
बारिस
की गिरती बूंदें
नहीं
अब गुदगुदाती
हथेलियों
को.
आज
अकेलेपन के सन्नाटे में
ढूँढता
हूँ वह हाथ
जहाँ
खींची क्षणिक लकीरें
नहीं
बन पायीं नियति मेरी
और
ढक गयीं
किसी
और के नाम की मेंहदी से.
ब्लॉग जगत में दो वर्ष
१३ जुलाई, २०१२ को यह ब्लॉग २ वर्ष का हो गया. इसका श्रेय जाता है आप सब के सहयोग, समर्थन, स्नेह और प्रोत्साहन को.
कुल प्रविष्टियाँ : 139
कुल टिप्पणियाँ : 5214
कुल मित्र (समर्थक)
Google Friend Connect पर : 237
Networked Blogs पर : 67
कुल विजिट : 30700 से अधिक
सबसे पहले तो ब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई ...
ReplyDeleteभावमय करती शब्द रचना ... आभार
बहुत प्यारी रचना.....
ReplyDeleteऔर ब्लॉग के २ वर्ष पूरा होने की बधाई.....
यूँ ही आपकी उत्कृष्ट रचनाओं को पढ़ने का सौभाग्य मिलता रहे ऐसी कामना है.
शुभकामनाएं.
सादर
अनु
बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteसादर!
ब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई...आपकी रचनाओं का खूबसूरत सिलसिला चलता रहे यही कामना है.. सुन्दर काव्यरचना के लिए आभार
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत बधाई दो वर्ष पूर्ण होने पर ...!
ReplyDeleteरचना भी बहुत सुंदर है ...!...
शुभकामनायें सर जी ।।
ReplyDeleteआदरणीय आपको बहुत-बहुत बधाई.... आपकी रचनाएँ सदैव मुझे प्रेरित करती हैं.
ReplyDeleteब्लॉग के दो वर्ष पूरे होने पर बधाई और शुभकामनायें ...
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
बारिस अब भी होती है
ReplyDeleteहवायें अब भी गुनगुनाती हैं
प्रीत के मधुर गीत,
लेकिन तुम्हारी स्मृतियों में डूबा
नहीं करता मन मयूर नृत्य,
ढूँढता है काले बादलों में
एक सलोना चेहरा
जिसे देख बजने लगती थी
मृदंग कभी दिल में.
बारिस की गिरती बूंदें
नहीं अब गुदगुदाती
हथेलियों को... बेहद संवेदनशील ....... इसी तरह वर्ष जुड़ते रहें
बहुत बहुत बधाई सर!
ReplyDeleteसादर
हार्दिक शुभकामनाए।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई.....
ReplyDeletejai baba banaras...
बहुत सुंदर रचना सर....
ReplyDeleteदो वर्ष पूर्ण करने पर सादर बधाइयाँ स्वीकारें....
सकारात्मक सृजन के, बीत गए दो वर्ष।
रचना पथ सजता रहे, नित पाये उत्कर्ष॥
बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआपकी प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (14-07-2012) के चर्चा मंच पर लगाई गई है!
चर्चा मंच सजा दिया, देख लीजिए आप।
टिप्पणियों से किसी को, देना मत सन्ताप।।
मित्रभाव से सभी को, देना सही सुझाव।
शिष्ट आचरण से सदा, अंकित करना भाव।।
बहुत सुंदर कविता...
ReplyDeleteदो वर्ष पूरे हो गए...ढेरों बधाइयाँ...शुभकामनाएँ !!!
सादर
दो साल पूरा करने की बधाई :-)
ReplyDeleteकविता बिलकुल स्वाभाविक है !
दो साल पूरा करने की, लीजिए आज बधाई
ReplyDeleteइसी तरह लिखते रहे ,सुन्दर सी रचना पाई,,,,,,
बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
प्यारी रचना और ब्लॉग के २ वर्ष पूरा होने की बधाई.....
ReplyDeleteबहूत सुंदर मनभावन रचना..
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई आपको
:-)
बेहतरीन पंक्तियाँ ....हार्दिक बधाई....शुभकामनायें
ReplyDeleteदो साल पूरा करने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ आपको !!
ReplyDeleteआपकी यह रचना भी काफी सुंदर एवं दिल को छू लेने वाली है...
अंतिम पंक्तियों में मन की व्यथा और वेदना अपने चरम पर दिखती हैं .... सुंदर !!
अच्छी रचना और ब्लॉग जगत में दो वर्ष पूरे होने पर बधाई हो...
ReplyDeleteसर सुंदर कविता और दो वर्ष होने पर विशेष शुभकामनाएं |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना.......!!
ReplyDeleteब्लॉग जगत में दो बर्ष बिताने पर आपको बधाईयाँ.....!!
सफल ब्लागिंग के 2 वर्ष पूरे होने पर बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
ReplyDeleteब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई ..बहुत सुन्दर प्रस्तुति..आभार
ReplyDeleteसुन्दर कविता और दो वर्ष पूरे होने पर बधाई
ReplyDeleteआज अकेलेपन के सन्नाटे में
ReplyDeleteढूँढता हूँ वह हाथ
जहाँ खींची क्षणिक लकीरें
नहीं बन पायीं नियति मेरी
और ढक गयीं
किसी और के नाम की मेंहदी से.
Wah!
Blog jagat me do saal bahut mubarak hon! Bahut badhiya lekhan hai aapka.....khuda barqaraar rakhe!
बहुत बहुत बधाई ....
ReplyDeleteआप के लेखन का लाभ हमें सदा मिलता रहे, यही ईश्वर से प्रार्थना है।
ReplyDeleteआप सदा सुन्दर सृजन से हमें आनंदित करते रहें..
ReplyDeleteब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteमुबारका जी
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनायें ब्लॉग की दूसरी वर्षगांठ पर.
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई दो वर्ष पूरे होने की ... ये खूबसूरत रचनाओं का सफर यूं ही कहता रहे ... आमीन ...
ReplyDeletepostingan yang bagus tentang"खामोशी की जुबां (ब्लॉग जगत में २ वर्ष)"
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनायें।
ReplyDeleteब्लागिंग के सफलतापूर्वक 2 वर्ष पूर्ण होने की हार्दिक शुभकामनाएं आगे में निरंतर आप अग्रसर बने रहे यही हार्दिक शुभकामना है ..
ReplyDeleteसादर
ब्लागिंग जगत के सफलतापूर्वक 2 वर्ष पूर्ण होने की हार्दिक शुभकामनाएं आगे भी इसी प्रकार निरंतर मुखरित एवं अग्रसर बने रहे आप हार्दिक शुभ कामनाएं ..
ReplyDeleteआज अकेलेपन के सन्नाटे में
ढूँढता हूँ वह हाथ
जहाँ खींची क्षणिक लकीरें
नहीं बन पायीं नियति मेरी
और ढक गयीं
किसी और के नाम की मेंहदी से.
प्रेम में विछोह की टीस को अभिव्यक्त करती एक कोमल अभिव्यक्ति ..
सादर !!!
ब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई
badhayee ho.....
ReplyDeletecongratulations...beautiful poetry!!
ReplyDelete