बेहतर होगा
पहनना काले कपडे
नेताओं को,
छुपे रहेंगे दाग
उसमें आसानी से.
******
भ्रष्टाचार बसा है जिनकी नस नस में,
दूर करेंगे वह इसको, यह आस व्यर्थ है.
कौन बनाता फांसी फंदा अपने हाथों से,
बनें भेड़िया शाकाहारी,यह आस व्यर्थ है.
******
जन जन की आवाज़ न खाली जायेगी,
निकल चुकी शमशीर न वापिस जायेगी.
मत भूलो की तुम जनता के सेवक हो,
सत्ता गरूर को जनता धूल चटायेगी.
******
मैं भी अन्ना, तुम भी अन्ना,
नहीं सिर्फ़ एक नाम है अन्ना.
हर आँखों के सपने हैं अन्ना,
जन जन की आवाज़ है अन्ना.
बहुत सही आह्वान्…………बिल्कुल सही कह रहे है आप
ReplyDeleteआह्वान् करती... सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteदेश को दीमक की तरह चाटता भ्रष्टाचार।
ReplyDeleteअनुनाद करती हुई प्रभावी रचनाएँ..
ReplyDeleteशुक्रवार --चर्चा मंच :
ReplyDeleteचर्चा में खर्चा नहीं, घूमो चर्चा - मंच ||
रचना प्यारी आपकी, परखें प्यारे पञ्च ||
प्रेरणादायी पंक्तियाँ ! काश देश के सत्ताधारियों को जनता की आवाज सुनाई दे और इस हालात से देश जल्दी उबर जाये.
ReplyDeleteवाह! कैलाश जी बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteआपकी सुन्दर ओजपूर्ण
प्रस्तुति से हार्दिक आनंद हुआ है.
आभार.
बिल्कुल सही कहा है ... फंसी का फंदा कौन बनाएगा ... सारे मुक्तक अच्छे और सटीक हैं
ReplyDeleteमैं भी अन्ना, तुम भी अन्ना,
ReplyDeleteनहीं सिर्फ़ एक नाम है अन्ना.
हर आँखों के सपने हैं अन्ना,
जन जन की आवाज़ है अन्ना.
...laajawab!
हर आँखों के सपने हैं अन्ना,
ReplyDeleteजन जन की आवाज़ है अन्ना....
Very well said Kailash ji.
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मैं भी अन्ना, तुम भी अन्ना,
ReplyDeleteनहीं सिर्फ़ एक नाम है अन्ना.
हर आँखों के सपने हैं अन्ना,
जन जन की आवाज़ है अन्ना....
सुन्दर...ओजपूर्ण प्रस्तुति !
बहुत सुन्दर ओजपूर्ण प्रस्तुति...
ReplyDeleteआभार...
बहुत सुंदर, जय हिन्द ।
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति.शुभकामनायें .
ReplyDeleteआज का सच लिखा है आपने ... आज सभी अन्ना बने हुवे हैं ... देखने कब तक परीक्षा लेगी ये सरकार ....
ReplyDeleteखूबसूरत....
ReplyDeleteसुन्दर ओजपूर्ण प्रस्तुति.......
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना
ReplyDeleteहमें अन्ना जी के साथ जरुर चलना चाहिए .....
मैं भी अन्ना, तुम भी अन्ना,
ReplyDeleteनहीं सिर्फ़ एक नाम है अन्ना.
हर आँखों के सपने हैं अन्ना,
जन जन की आवाज़ है अन्ना.
bahut sahi kaha aapne..is ojpoorn rachna ke liyae badhai.....
मैं भी अन्ना, तुम भी अन्ना,
ReplyDeleteनहीं सिर्फ़ एक नाम है अन्ना.
हर आँखों के सपने हैं अन्ना,
जन जन की आवाज़ है अन्ना.
अन्ना ने अनशन समाप्त कर दिया....लेकिन ....
जन जन की आवाज़ न खाली जायेगी,
निकल चुकी शमशीर न वापिस जायेगी.
मत भूलो की तुम जनता के सेवक हो,
सत्ता गरूर को जनता धूल चटायेगी.
सशक्त रचना.
ReplyDeleteजन जन की आवाज़ न खाली जायेगी,
ReplyDeleteनिकल चुकी शमशीर न वापिस जायेगी.
मत भूलो की तुम जनता के सेवक हो,
सत्ता गरूर को जनता धूल चटायेगी.
Bahut badhiya!
सुन्दर रचना।
ReplyDeleteइंकलाब जिन्दाबाद।
आह्वान् करती... सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteजिन्दाबाद..
Anna hi Anna :)
ReplyDeleteWell crafted... very witty
यह सिर्फ़ एक नाम नहीं है। यह सिर्फ़ एक नारा नहीं है।
ReplyDeleteएक क्रांति है। एक विश्वास है। एक आस्था है। लोगों की आकांक्षा है।
भ्रष्टाचार बसा है जिनकी नस नस में,
ReplyDeleteदूर करेंगे वह इसको, यह आस व्यर्थ है.
कौन बनाता फांसी फंदा अपने हाथों से,
बनें भेड़िया शाकाहारी,यह आस व्यर्थ है.
बिलकुल खरी खरी सच्ची बात कह दी है आपने ! महीनों से लोकपाल बिल पर जो इतना बेनतीजा विमर्श हो रहा है उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ यही मानसिकता काम कर रही है ! बहुत ही बेहतरीन रचनाएं हैं सारी ! बधाई एवं आभार !
भ्रष्टाचार बसा है जिनकी नस नस में,
ReplyDeleteदूर करेंगे वह इसको, यह आस व्यर्थ है.
कौन बनाता फांसी फंदा अपने हाथों से,
बनें भेड़िया शाकाहारी,यह आस व्यर्थ है.
बड़े मार्मिक शब्दों ,से सजी यथार्थ परक उद्वेलित करती रचना को सम्मान ........ बधाईयाँ जी /
श्रेष्ठ रचनाओं में से एक ||
ReplyDeleteबधाई ||
सुन्दर ओजपूर्ण प्रस्तुति.......
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteजन जन की आवाज़ न खाली जायेगी,
ReplyDeleteनिकल चुकी शमशीर न वापिस जायेगी.
मत भूलो की तुम जनता के सेवक हो,
सत्ता गरूर को जनता धूल चटायेगी.
...वाह!
वाह,एकदम अन्नामय हो गया वातावरण.
ReplyDeleteजन जन की आवाज़ न खाली जायेगी,
ReplyDeleteनिकल चुकी शमशीर न वापिस जायेगी....
बहुत सुन्दर... सर
सादर...
सुन्दर और सार्थक आह्वान्.........
ReplyDelete"बेहतर होगा
ReplyDeleteपहनना काले कपडे
नेताओं को,
छुपे रहेंगे दाग
उसमें आसानी से."
क्या बात है !
Sabhee muktak achche. par ye wala Janjan kee awaj hai Anna ekdam samayik hai.
ReplyDeleteजहां देखो वहीं है अन्ना
ReplyDeleteजनता काफी जागरूक हो गई है इस बार तो
अन्ना जन-जन की आवाज हैं।
ReplyDeleteउन्होने आधा युद्ध जीत लिया है।
शुभकामनाएं।