Wednesday, August 28, 2013

आओ अब समय नहीं बाकी

चहुँ ओर गहन अँधियारा है,  
विश्वास सुबह का पर बाकी.
हो रहा अधर्म है आच्छादित,  
है स्थापन धर्म वचन बाकी.  

अब नहीं धर्म का राज्य यहाँ,
अपने स्वारथ में सभी व्यस्त.
दुर्योधन जाग उठा फ़िर से,
बेबस द्रोपदी फिर आज त्रस्त.

द्वापर में आये तुम कान्हा,
कलियुग में आना अब बाकी.

ब्रज में अब सूनापन पसरा,
गोपियाँ सुरक्षित नहीं कहीं.
हर जगह दु:शासन घूम रहे,
पर चीर बढ़ाने कृष्ण नहीं.

विश्वास न टूटे इनका गिरधर,
अब विश्वास दिलाना है बाकी.

अब भक्ति तेरी व्यवसाय हुई,
निष्काम कर्म को भूल गए.
प्रवचन करते हैं जो गीता पर,
वह घृणित कर्म में लिप्त हुए.

भर गया पाप का घड़ा बहुत,    
आओ अब समय नहीं बाकी.

**श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें**


.....कैलाश शर्मा 

41 comments:

  1. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें ....
    सादर

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  2. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर !!

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  3. बहुत सुंदर रचना,,,
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयां और शुभकामनाएं !
    RECENT POST : पाँच( दोहे )

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  4. आवश्यक है, आ भी जाओ,
    कृष्णनीति की झलक दिखाओ।

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  5. वाकई ..
    बधाई प्यारी रचना के लिए !

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  6. सच में ...कृष्ण एक बार फिर से आ जायो

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  7. बहुत सुंदर रचना, श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयां और शुभकामनाएं।

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  8. चूंकि व्‍याप्‍त समय की निरर्थकता है
    इसलिए आज कृष्‍ण की आवश्‍यकता है.........बहुत सामयिक कृष्‍ण गीत।

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  9. janmashtmi ki bahut bahut shubhkamnaye ..

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  10. बिलकुल सही कहा है ॥लेकिन अभी भी शायद घड़ा थोड़ा पाप से खाली है तभी कृष्ण नहीं आ रहे हैं ... बहुत सुंदर आह्वान ।

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  11. बहुत सुंदर .श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!,

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  12. सार्थक भाव लिए बहुत ही सुंदर एवं उत्कृष्ट रचना...आभार

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  13. सटीक आह्वान कैलाश जी ! पर लगता है गिरिधारी भी या तो अभी और कठिन परिक्षा लेना चाहते हैं हम सबकी या राह भटक गये हैं ! बहुत सुंदर प्रस्तुति ! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !

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  14. बहुत बढ़िया प्रस्तुति जन्माष्टमी के मौके पर आनंद वर्षंन हैगो भैया।


    आज तो सारा आलम सारी कायनात ही कृष्ण मय हो रई भैया । उसकी लीला ही अपरम्पार हैं स्वाद लेबे को भागवत कथा सुनबे। झूठ् ना कहूँ तोसे। मजो आ गया ओ ,नन्द आनंद कारज होवे और मजा न आवे। नन्द का मतलब होवे आनंद।

    मैया मोहे दाऊ भोत खिजायो ,

    मोते कहत मोल को लीन्हों तू जसुमत कब जायो,


    गोर नन्द जसोदा गोरी तू कत श्याम शरीर

    जन्माष्टमी की बधाई क्या बधाया सब ब्लागियन कु।

    ॐ शान्ति

    भैया जसोदा का मतलब ही होवे है जो यश दिलवावे। सगरे बिग्रे काज संभारे।

    श्रीकृष्णचन्द्र देवकीनन्दन माँ जशुमति के बाल गोपाल ।
    रुक्मणीनाथ राधिकावल्लभ मीरा के प्रभु नटवरलाल ।।

    मुरलीधर बसुदेवतनय बलरामानुज कालिय दहन ।
    पाण्डवहित सुदामामीत भक्तन के दुःख दोष दलन ।।

    मंगलमूरति श्यामलसूरति कंसन्तक गोवर्धनधारी ।
    त्रैलोकउजागर कृपासागर गोपिनके बनवारि मुरारी ।।

    कुब्जापावन दारिददावन भक्तवत्सल सुदर्शनधारी ।
    दीनदयाल शरनागतपाल संतोष शरन अघ अवगुनहारी ।।

    श्री कृष्ण स्तुती
    कस्तुरी तिलकम ललाटपटले,
    वक्षस्थले कौस्तुभम ।
    नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले,
    वेणु करे कंकणम ।
    सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम,
    कंठे च मुक्तावलि ।
    गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते,
    गोपाल चूडामणी ॥

    बधाई जन्मोत्सव कृष्ण कृष्ण बोले तो जो अन्धकार को दूर करे।

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  15. अब तो बिल भी पास है गयो। कोबरा ही अगला प्रधान मंत्री होवेगो सही कह रियो भैया।

    कैलाश जी अति उत्तम प्रस्तुति यह इसी समय का गायन है अब तो भ्रष्ट लोगों को कुर्सी देवे बिल भी पास हैगो। इससे ज्यादा धर्म की ग्लानि और क्या होगी।

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  16. संसद वारे कोब्रान ने कौन गिनेगा भैया

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  17. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ

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  18. श्री कृष्ण जन्म अष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें....

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  19. वाकई बहुत देर हो रही है. अति सुन्दर कृति.

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  20. इतनी सुन्दर पुकार पर कान्हा को आना ही पड़ेगा

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  21. कृष्ण को आना होगा !!
    पर्व की बहुत शुभकामनाये !

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  22. बहुत ही बेहतरीन रचना....
    कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ....
    :-)

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  23. बहुत ही सुन्दर .. भवन को उद्द्वेलित करती रचना !

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  24. wah bahut bahut khoob.....ab tho kanha ko aana hi hoga

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  25. हार्दिक शुभकामनायें

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  26. द्वापर में आये तुम कान्हा,
    कलियुग में आना अब बाकी....

    कलयुग में इतने ज्यादा कंस आ गए हैं की कान्हा को पूरी सेना के साथ आना होगा ...
    मन में द्वंद जगाती सुन्दर रचना ...
    कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई ...

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  27. क्या सुन्दर भाव है ...

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  28. आपकी यह सुन्दर रचना दिनांक 30.08.2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें और अपने सुझाव दें।

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  29. अब भक्ति तेरी व्यवसाय हुई,
    निष्काम कर्म को भूल गए.
    प्रवचन करते हैं जो गीता पर,
    वह घृणित कर्म में लिप्त हुए.

    भर गया पाप का घड़ा बहुत,
    आओ अब समय नहीं बाकी.
    Kya gazab kee kharee baat kah dalee aapne!

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  30. सारथी और गुरु नारायण ,संग्राम पार्थ का ही करेण्य!

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  31. कृष्ण तो हर काल में हर जगह हैं..उन्हें अपने भीतर अवतरित करना होगा..सुंदर प्रार्थना !

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  32. बहुत ही सुन्दर रचना ।

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  33. सामयिक प्रस्तुति

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  34. आओ अब समय नहीं बाकी.. बहुत सुंदर प्रार्थना

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  35. सुन्दर एवं सटीक…

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