आयी है आंधी
एक बार फिर
सत्याग्रह की,
उखाड़ने को जड़ से
उन ऊँचे कटीले वृक्षों को
जो होते रहे पोषित
भ्रष्टाचार और रिश्वत
की खाद और पानी से.
कौन कहता है
कि गांधी नहीं रहे,
वे तो अब भी जीवित हैं
विश्व भर की
जनता की आवाज में,
जिन्होंने हिलादी
अहिंसा से
निरंकुश तानाशाहों की
सत्ता.
अफ़सोस है
तो सिर्फ़ इतना
की यह सत्याग्रह का शस्त्र
उठाना पड़ रहा है
उन तथाकथित गांधीवादियों
के खिलाफ़,
जो लगाते हैं
गांधी की तस्वीर
दफ्तर में,
लेकिन उनके कर्म
कितनी दूर हैं
उनके आदर्शों से,
और होकर पथभ्रष्ट
भुना रहे हैं सिक्का
उनकी शहादत का.
आज उठानी ही होगी
आवाज़,
खड़ा होना होगा सब को
भ्रष्टाचार के खिलाफ
और देना होगा साथ
नवयुग के गांधी का,
वर्ना इतिहास
नहीं करेगा माफ़
हमें कभी भी.
अर्जुन की संतानो
मत झिझको
उठाने को हथियार
सत्याग्रह का
आज
भ्रष्टाचार के कौरवों के खिलाफ़.
न मज़बूर करो
गांधी को
एक बार फिर
हमारी अकर्मण्यता
की शर्मिंदगी से
मरने को.
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति !भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही इस जंग में शब्दों के माध्यम से ही सही हम सभी को आवाज उठानी है, एक बार फिर सत्य की जय होगी !
ReplyDeleteसामयिक,सटीक काव्यमय प्रस्तुति.
ReplyDeletemai bhi es muhim me samil hu or apil karta hu ke ap bhi anna hajra ka sath de . jai hin jai bharat
ReplyDeleteअर्जुन की संतानो
ReplyDeleteमत झिझको
उठाने को हथियार
सत्याग्रह का
आज
भ्रष्टाचार के कौरवों के खिलाफ़.
न मज़बूर करो
गांधी को
एक बार फिर
हमारी अकर्मण्यता
की शर्मिंदगी से
मरने को.
आज कविता की आंच महसूस करने का सही समय है अगर अभी चूक गए तो पता नहीं कब तक इंतज़ार करना पड़ेगा !
सामयिक और प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति !
खुद ईमानदार होते हुए भी जब इंसान गरीब होता हैं और बेईमान को अमीर देखता हैं तो शायद रास्ता दिखना बंद हो जाता हैं
अफ़सोस है
ReplyDeleteतो सिर्फ़ इतना
की यह सत्याग्रह का शस्त्र
उठाना पड़ रहा है
उन तथाकथित गांधीवादियों
के खिलाफ़,
जो लगाते हैं
गांधी की तस्वीर
दफ्तर में,
बिलकुल सही कहा आपने सर!
अन्ना जी का साथ देना हम सब का फर्ज है.
सादर
बेहतरीन अभिव्यक्ति! आज सारा देश अन्ना के साथ है!
ReplyDeleteबड़े भाई शर्मा जी आपकी कलम ने वक्त पर सही निर्णय लिया है बहुत भट बधाई |
ReplyDeleteहम अपनी कविताओं और कलम से अन्ना जी का समर्थन करेंगे |
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर शब्द रचना ....अन्ना जी के साथ सारे देश की भी यही आवाज है ....आभार इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिये ।
ReplyDeleteकौन कहता है
ReplyDeleteकि गांधी नहीं रहे,
वे तो अब भी जीवित हैं...
यदि बचाना है देश, तो आर्थिक भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता को समूल नष्ट करना होगा..यही है आम हिन्दुस्तानी की आवाज़, आज इस आवाज़ को मिला है एक नेतृत्व.......
सार्थक आह्वान .... ओज पूर्ण रचना ...कलम की ताकत दिखानी ही होगी
ReplyDeleteआपकी भावपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति ने जो तडफ पैदा की है उसको सलाम.दिल की आवाज रंग लाएगी ही.सत्यमेवजयते.
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (09.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
आवाज उठानी होगी।
ReplyDeletethey have been sucking the nation since last 63 years and we expect them to be straight in 63 days...doesnt make any sense to me...
ReplyDeletejo bhi par shuruaat to karni hi padegi
ReplyDeleteअन्ना जी का साथ देना हम सब का फर्ज है.
ReplyDeleteआदरणीय कैलाश शर्मा जी
ReplyDeleteसस्नेहाभिवादन !
बहुत सही कहा आपने -
आज उठानी ही होगी
आवाज़,
खड़ा होना होगा सब को
भ्रष्टाचार के खिलाफ
सच है, भ्रष्टाचार ने हम भारतीयों को अपना ग्रास बनाया हुआ है ।
… और स्थिति इतनी बिगड़ी हुई है कि आशा की किरण नज़र भी नहीं आ रही … … …
अन्ना हजारे जी के आह्वान से पहले भी हम इन परिस्थितियों से अनभिज्ञ तो नहीं थे …
निःसंदेह हम अन्ना के साथ हैं !
… लेकिन सबको अपने अपने स्तर पर भी सर्वत्र संघर्ष करने के लिए तैयार होना पड़ेगा … … … !
आपको सपरिवार नवरात्रि की शुभकामनाएं !
साथ ही…
*नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !*
- राजेन्द्र स्वर्णकार
21वीं सदी के गाँधी अन्ना हजारे के साथ हम भी खड़े हैं!
ReplyDeleteसुन्दर और सामयिक रचना!
गहन अभिव्यक्ति लिए.....एक प्रासंगिक और सार्थक रचना....आवाज उठानी होगी....
ReplyDeleteसामयिक और प्रभावशाली रचना . कौरवों का नाश होना ही चाहिए .
ReplyDeleteआज उठानी ही होगी
ReplyDeleteआवाज़,
खड़ा होना होगा सब को
भ्रष्टाचार के खिलाफ
और देना होगा साथ
नवयुग के गांधी का,
वर्ना इतिहास
नहीं करेगा माफ़
हमें कभी भी.
ये अब जरूरत ही नही बल्कि समय का तकाजा भी है।
Bahut sundar rachana! Aawaz hee nahee swayam ko jhakjhor ke uthana hoga!
ReplyDeleteUthi aawaz ki jeet hui...badhai
ReplyDeleteअण्णा का आंदोलन आपकी काव्यमय़ी प्रस्तुति में...
ReplyDeleteहजारों हजार उद्घोष रंग लाते दिख रहे हैं ।
सत्य के दर्शन कराती, जोशीली कविता। आज इसी की आवश्यकता है। लोग कहते थे कि आज यदि गाँधी भी आ जाए तो यह समाज जागृत नहीं होगा लेकिन जनता ने दिखा दिया कि गाँधी तो बनो, हम साथ आने को तैयार हैं।
ReplyDelete"आज उठानी ही होगी
ReplyDeleteआवाज़,
खड़ा होना होगा सब को
भ्रष्टाचार के खिलाफ
और देना होगा साथ
नवयुग के गांधी का,
वर्ना इतिहास
नहीं करेगा माफ़
हमें कभी भी "
ओज पूर्ण आह्वान करती कविता के लिये साधुवाद ।
जनमत की ताकत सब पर भारी है ।
एक बहुत ही सशक्त एवं चेतना को ललकारती ओजस्वी रचना !
ReplyDeleteआज उठानी ही होगी
आवाज़,
खड़ा होना होगा सब को
भ्रष्टाचार के खिलाफ
और देना होगा साथ
नवयुग के गांधी का,
यही समय की माँग है और हमें इस पुकार का सम्मान करना होगा ! इतनी सार्थक प्रस्तुति के लिये बधाई एवं आभार !
बढ़िया रचना!
ReplyDeleteजनता का साथ मिला!
जीत हुई लोकतन्त्र की!
बढे चलो ..बढे चलो ...
ReplyDeleteवीर तुम बढे चलो ...
धीर तुम बढे चलो .....!
सुंदर आह्वान करती ओजस्वी रचना .....!!
जय हो...
ReplyDeleteसंतुलित और सधी हुई अभिव्यक्ति ....
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने.....
ReplyDeleteअफ़सोस है
ReplyDeleteतो सिर्फ़ इतना
की यह सत्याग्रह का शस्त्र
उठाना पड़ रहा है
उन तथाकथित गांधीवादियों
के खिलाफ़,
जो लगाते हैं
गांधी की तस्वीर
दफ्तर में,
लेकिन उनके कर्म
कितनी दूर हैं
अन्ना जी गांधी जी के अवतार के रूप में सामने आए हैं। पूरा देश उनके साथ है।
कविता के माध्यम से आह्वान प्रेरक है।
सामयिक और प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति|यही समय की माँग है और हमें इस पुकार का सम्मान करना होगा |
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण पोस्ट |
ReplyDeleteआशा
प्रासंगिक और सार्थक रचना.
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति के लिये बधाई
ReplyDeletesupporit to lok pal bill is the prime responsibily of every indin
ReplyDeleteVery good poetry that gives Support to Annaji
ReplyDeleteMai Mukesh Kumar Verma Is Govt. se ye Puchna chata hu ki Anna ji ne kon sa asa kaam kiya tha jo unhe ghar se utha kar jail mai dal diya gaya.
ReplyDeleteIs Govt. ko ye samajh lena chiya ki vo is janlokpal bil ko paas kar de verna ak asi andhi aaygi jo is kangras sarkar ka is desh se khatma karna me der nahi lagaygi.