गौ वंश रक्षा मंच ,सब गौ प्रेमियों को सादर आमंत्रित करता है के अपने विचार /सुझाव/लेख/ कविताये मंच पर रक्खें ,मंच के सदस्य बने ,और मंच के लेखको में अपना नाम जोड़ कर मंच को गरिमा प्रदान करें ....गौ हम सब की माँ है , माँ के लिए एक जुट होना हमारा फ़र्ज़ है.....
( http://gauvanshrakshamanch.blogspot.com/ गौ वंश रक्षा मंच )
मन की गहराइयों को छोटी हुयी सत्य को भी प्रकट करती सामयिक हाइकू. अपने कथ्य में बेजोड़ और सन्दर्भ में गहण. बसंत पर्व की सूखी सी बधाई. बिना गुलाल कैसा बसंतोत्सव? आभार इस संवेदनशील हाइकू के लिए.
ऋतुराज पर सुन्दर हाईकु ।
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या भाव संयोजन बसंत पर ...
ReplyDeleteवसंतागम का सौंदर्य और मानव मन पर उपकी विभिन्न प्रतिक्रियाओं का सुन्दर निरूपण !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..बसंत का सुखद अहसास..
ReplyDeleteपीले हैं खेत
ReplyDeleteप्रमुदित है मन
आया बसंत
बहुत सुन्दर,पंचमी की शुभकामनाये !
bahut sundar rachanaa!
ReplyDeleteसुन्दर!
ReplyDeleteWah! Bahut sundar!
DeleteWah! Bahut sundar!
ReplyDeleteबसंत का सुखद अहसास|सुन्दर हाईकु।
ReplyDeleteवाह...
ReplyDeleteबेहतरीन हायेकु...सुन्दर बसंत...
सादर.
एक बसंत के कितने सारे रंग... बहुत सुन्दर... आभार आपका
ReplyDeleteबसंत के आगमन पर सुंदर हाइकु
ReplyDeletebahut shandar haiku.
ReplyDeleteसर्दी है गयी
ReplyDeleteसूरज घर आया
खिले हैं फूल.
(३)
पीले हैं फूल
चेहरा भी है पीला
दूर है कन्त.
सुन्दर पंक्तियाँ खूबसूरत रचना |
पीले हैं फूल
ReplyDeleteचेहरा भी है पीला
दूर है कन्त.
बहुत बढ़िया हाइकू
सुन्दर हाईकु ...
ReplyDeleteसर बहुत ही सुन्दर हाईकू |
ReplyDeleteआपके हाइकू ने बसंत को हाइ पर पहुँचा दिया है।
ReplyDeleteबेहतरीन हाइकु... बसंत का स्वागत!
ReplyDeleteपीले पीले हाईकू...वसंत पंचमी की शुभकामनाये
ReplyDeleteबेहतरीन हाइकु
ReplyDeleteशानदार।
ReplyDeleteबसंत पंचमी की शुभकामनाएं....
बसंत पंचमी की शुभकामनायें , माँ शारदे को नमन
ReplyDeleteबदले रंग
ReplyDeleteमहंगाई के संग
फीका बसंत.
bhaut hi sundar sharma ji.... badhai .
वह शर्मा जी
ReplyDeleteजवाब नहीं आपका...बेहतरीन हाइकु
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं....!
bahut khub kailaash ji basnt ke kaee rup ek sath dikha diye aap ne...bdhaai...
ReplyDeleteगौ वंश रक्षा मंच ,सब गौ प्रेमियों को सादर आमंत्रित करता है के अपने विचार /सुझाव/लेख/ कविताये मंच पर रक्खें ,मंच के सदस्य बने ,और मंच के लेखको में अपना नाम जोड़ कर मंच को गरिमा प्रदान करें ....गौ हम सब की माँ है , माँ के लिए एक जुट होना हमारा फ़र्ज़ है.....
ReplyDelete( http://gauvanshrakshamanch.blogspot.com/ गौ वंश रक्षा मंच )
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बहुत सुन्दर हाइकू |
ReplyDeletezordar ....
ReplyDeleteसारगर्भित हाइकू...बहुत बढिय़ा |
ReplyDeleteमन की गहराइयों को छोटी हुयी सत्य को भी प्रकट करती सामयिक हाइकू. अपने कथ्य में बेजोड़ और सन्दर्भ में गहण. बसंत पर्व की सूखी सी बधाई. बिना गुलाल कैसा बसंतोत्सव? आभार इस संवेदनशील हाइकू के लिए.
ReplyDeleteबसंत उत्सव की शुभकामनएं ...
ReplyDeleteकुछ अनुभूतियाँ इतनी गहन होती है कि उनके लिए शब्द कम ही होते हैं !
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
बसंत की सूक्ष्म चित्रकारी अच्छी लगी।
ReplyDeleteसारे ही अच्छे हैं जी
ReplyDeleteबहोत अच्छे ।
ReplyDeleteनया ब्लॉग
http://hindidunia.wordpress.com/
क्या बात है ...वाह
ReplyDeleteबदले रंग
ReplyDeleteमहंगाई के संग
फीका बसंत.
वाह.........
बसंत पंचमी की शुभकामनायें
वाह...क्या बात है,...बेहतरीन प्रस्तुति,
ReplyDeleteकैलाश जी,...आपका फालोवर बन गया हूँ आप भी बने तो मुझे हार्दिक
खुशी होगी,...
welcome to new post --काव्यान्जलि--हमको भी तडपाओगे....
हाईकू बहुत अच्छे लगे |
ReplyDeleteवसंत पञ्चमीं पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा पर
bahut sundar haiku.
ReplyDeletemere blog par bhi aayen.
वसंत को अलग-अलग उप में परिभाषित किया है..
ReplyDeleteबढ़िया हाइकु
वसंत के कई रूप और सभी एक से बढ़कर एक.. आभार!
ReplyDeletekam shabd
ReplyDeletesundar bat
gahri paith....
.
ReplyDeleteमन बसंती रंग में रंग गया …
लेकिन, महंगाई और प्रियतम से दूरी … रंग में भंग डाल रहे हैं :(
समय मिले तो देख लें…
प्यारो न्यारो ये बसंत है !
वाह! खूबसूरत हाईकू सर...
ReplyDeleteसादर