(१)
वक़्त बदला
मौके के अनुसार
रिश्ते बदले.
(२)
माँ की ममता
छलकती आँखों से
डूबा है मन.
(३)
सपने आते
यादों को जगा जाते
क्यों चले जाते?
(४)
दर्द दिल में
बरसती है आँख
पता नहीं क्यूँ?
(५)
शोषण करो
दोष दो गरीबों को
किस्मत पर.
(६)
समझ जाता
जो होता मन बच्चा
बहलाने से.
(७)
कच्ची दीवारें
मज़बूत हैं रिश्ते
गिरेंगी नहीं.
वक़्त बदला
मौके के अनुसार
रिश्ते बदले.
(२)
माँ की ममता
छलकती आँखों से
डूबा है मन.
(३)
सपने आते
यादों को जगा जाते
क्यों चले जाते?
(४)
दर्द दिल में
बरसती है आँख
पता नहीं क्यूँ?
(५)
शोषण करो
दोष दो गरीबों को
किस्मत पर.
(६)
समझ जाता
जो होता मन बच्चा
बहलाने से.
(७)
कच्ची दीवारें
मज़बूत हैं रिश्ते
गिरेंगी नहीं.
कैलाश शर्मा
समझ जाता
ReplyDeleteजो होता मन बच्चा
बहलाने से.
शानदार हाइकू…………बेहतरीन
बेहतरीन!
ReplyDeleteशोषण करो
ReplyDeleteदोष दो गरीबों को
किस्मत पर.
sabhi haiku badhiya hai ......
स्पष्ट अर्थ प्रेषित करते हाइकू..
ReplyDeleteसमझ जाता
ReplyDeleteजो होता मन बच्चा
बहलाने से.
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
बहुत ही लाजवाब हैं सभी हाइकू ... सातों अपनी बात कहने में सफल ..
ReplyDeleteशानदार,बेहतरीन,बहुत ही लाजवाब सफल...हाइकू...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteवाह सर,
ReplyDeleteबहुत बढ़िया हायेकु...
अर्थपूर्ण....
सादर.
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति,लाजवाब हैं सभी हाइकू ...
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब हैं सभी हाइकू| धन्यवाद।
ReplyDeleteवक़्त बदला
ReplyDeleteमौके के अनुसार
रिश्ते बदले... प्रत्येक हाइकु में सत्य का सार है
आपकी पोस्ट चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.com
चर्चा मंच-784:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
(३)
Deleteसपने आते
यादों को जगा जाते
क्यों चले जाते?
Bahut sundar!
Comment box nahee khula isliye yahan likh rahee hun! Kshama karen1
बहुत सुन्दर एवं यथार्थपूर्ण हाइकु लिखा है आपने! बेहद पसंद आया!
ReplyDeleteरचना बहुत अच्छी लगी,लाजबाब हाइकू...६ न० हाइकू बहुत अच्छा लगा
ReplyDeleteMY NEW POST...मेरे छोटे से आँगन में...
वाह!!हर एक हाइकु बेहद अर्थपूर्ण है और सफलता पूर्वक भाव प्रेषित कर रहा है...
ReplyDeleteआदरणीय सर,यदि आप अपने कुछ हाइकु हिन्दी-हाइगा पर भेजें तो हाइगा के रूप में इन्हें देखना और भी आनन्ददायक होगा|हिन्दी-हाइगा ब्लॉग पर इमेल प्रकाशित है|
समझ जाता
ReplyDeleteजो होता मन बच्चा
बहलाने से.
Sunder Arthpoorn haiku....
लाजवाब हाइकू...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteसभी बढ़िया हैं ।
ReplyDeleteवाह बहुत बढिया |
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteसुमन सिन्हा जी का परिचय देखें यहां ...
संक्रमण है
ReplyDeleteदेखन में छोटन
घाव गंभीर!
हायकू विधा में सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteसुन्दर प्रत्येक हाइकु बेहतरीन है ....
ReplyDeletethode shabdon mein badi baat
ReplyDeleteसारे के सारे हाईकू उम्दा व लाजवाब... आभा
ReplyDeleteप्रत्येक हाइकु सशक्त भाव लिए है... सादर
ReplyDeletebahut uttam prerna dayak haaiku,paimaane par bhi khare utarte.
ReplyDeleteहृदय के भाव को दर्पण दिखाती..
ReplyDeleteकच्ची दीवारें
ReplyDeleteमज़बूत हैं रिश्ते
गिरेंगी नहीं.
उम्दा व लाजवाब......
बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
सुन्दर हाइकु!
ReplyDeleteसीमित शब्दों में गहरी बातें।
ReplyDeleteबहुत बढि़या।
वाह वाह! सर...
ReplyDeleteउम्दा हाईकू
दर्पण बोलते हैं
सत्य शास्वत
सादर.