आदरणीय कैलाश जी -- मर्मस्पर्शी भावों से सजी आपकी रचना की सभी पंक्तियाँ मुझे बहुत अच्छी लगी | विशेष रूप से ----------- तू न मेरा नसीब था, दर्द का साथ तो मिला.---- बहुत अच्छी लगी | सादर , सस्नेह शुभकामना आपको ---
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-09-2017) को "हिन्दी से है प्यार" (चर्चा अंक 2729) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
बहुत सुंदर रचना आपकी।
ReplyDeleteवाह।
ReplyDeleteआदरणीय कैलाश जी -- मर्मस्पर्शी भावों से सजी आपकी रचना की सभी पंक्तियाँ मुझे बहुत अच्छी लगी | विशेष रूप से -----------
ReplyDeleteतू न मेरा नसीब था,
दर्द का साथ तो मिला.---- बहुत अच्छी लगी | सादर , सस्नेह शुभकामना आपको ---
जीवन के कुछ पल दर्द का एहसास और कुछ पल ख़ुशी के संग ... शायद यही जीवन है ...
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है ...
बहुत खूब
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-09-2017) को
ReplyDelete"हिन्दी से है प्यार" (चर्चा अंक 2729)
पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
ज़िंदगी इस तरह रही,
ReplyDeleteहर किसी को रहा गिला.
खूबसूरत अलफ़ाज़ आदरणीय शर्मा जी !!
भावमय प्रस्तुति .....
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपकी रचना बहुत ही सराहनीय है ,शुभकामनायें ,आभार
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/09/35.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteआभार..
Deleteजीवन की तमाम परिस्थितियों को रेखांकित करते बेहद उम्दा शेर।
ReplyDeleteएक बेहतरीन गज़ल जो नए रचनाकारों को बहुत कुछ सीखने का अवसर देती है।
बधाई एवं शुभकामनाऐं।
वाह !!!!
ReplyDeleteलाजवाब प्रस्तुति....
धूप छाँव का जीवन हर दिन...
ReplyDeleteजीवन के सच का हृदयस्पर्शी चित्रण ।
ReplyDeleteBest Online Birthday Gifts to India
ReplyDeleteSend Gifts to India Online from Gift Shop | Order Online Gifts Delivery in India
ReplyDelete