Tuesday, November 03, 2015

क्षणिकाएं

उबलते रहे अश्क़
दर्द की कढ़ाई में,
सुलगते रहे स्वप्न
भीगी लकड़ियों से,
धुआं धुआं होती ज़िंदगी
तलाश में एक सुबह की
छुपाने को अपना अस्तित्व
भोर के कुहासे में।

*****

होते हैं कुछ प्रश्न
नहीं जिनके उत्तर,
हैं कुछ रास्ते 
नहीं जिनकी कोई मंजिल,
भटक रहा हूँ 
ज़िंदगी के रेगिस्तान में
एक पल सुकून की तलाश में, 
खो जायेगा वज़ूद
यहीं कहीं रेत में।

...©कैलाश शर्मा

26 comments:

  1. नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।

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  2. बहुत उम्दा क्षणिकाएँ

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (04-11-2015) को "कलम को बात कहने दो" (चर्चा अंक 2150) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. बहुत सुन्दर सार्थक क्षणिकाएं !

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  5. sundar kshanikayen hai hardik badhai sharma ji

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  6. बहुत सुन्दर क्षणिकाएँ

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  7. वाह वाह

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  8. अनुत्तरित प्रश्न सदैव बेचैन करते रहते है जब तक उनका समुचित उत्तर नहीं मिलता.

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  9. जय मां हाटेशवरी....
    आप ने लिखा...
    कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
    हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
    इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
    दिनांक 04/11/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की जा रही है...
    इस हलचल में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
    टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    कुलदीप ठाकुर...


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  10. बहुत बढ़िया.....सादर नमस्ते भैया

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  11. सुन्दर क्षणिकाएँ !

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  12. होते हैं कुछ प्रश्न
    नहीं जिनके उत्तर,
    हैं कुछ रास्ते
    नहीं जिनकी कोई मंजिल,
    भटक रहा हूँ
    ज़िंदगी के रेगिस्तान में
    एक पल सुकून की तलाश में,
    खो जायेगा वज़ूद
    यहीं कहीं रेत में।
    बहुत खूब ! सुन्दर क्षणिकाएं !

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  13. बहुत समय बाद पढ़ा आपको। बहुत उम्दा क्षणिकायें हैं...

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  14. कैलाश जी बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए आप का आभार

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  15. बहुत ही बेहतरीन क्षणिकाएं प्रस्‍तुत की हैं आपने।

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  16. क्या बात है !.....बेहद खूबसूरत रचना....
    आप को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
    नयी पोस्ट@आओ देखें मुहब्बत का सपना(एक प्यार भरा नगमा)
    नयी पोस्ट@धीरे-धीरे से

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  17. बहुत सुन्दर

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