(1)
घर की शान
प्रेम का प्रतिमान
प्यारी बेटियाँ.
(२)
दुर्गा की पूजा
कन्या की भ्रूण हत्या
दोगलापन.
(३)
क्या देगा बेटा
लाई थी मैं भी प्यार
आने तो देते.
(४)
बेटे की चाह
माँ हुई भागीदार
बेटी की हत्या.
(५)
कैसे जी पाती
आफरीन बन के
न आना अच्छा.
(६)
क्यों भूल गये
वह भी औरत थी
तुम्हें जन्मा था.
(७)
नसीब लायी
जन्म पूर्व मरना
सिर्फ़ बेटी ही.
(८)
खुशियाँ गूंजी
आँगन है चहका
बिटिया आयी.
कैलाश शर्मा
sabhi bahut sundar hai..kailash ji..
ReplyDeleteसब अच्छी तो लगी पर कन्या की भ्रूण हत्या ..दोगलापन....क्या प्रशंसा करूँ...?
ReplyDeletei have given this post on bhartiy nari blog .very good expression .thanks
ReplyDeleteशुक्रिया...
Deleteसार्थक हायेकु सर................
ReplyDeleteगहन अर्थ लिए....
सादर.
अब काफ़ी-कुछ बदल रहा है,यह सोच भी !
ReplyDelete्क्या कहूँ हर हाइकू अर्थवान ………सुन्दर संदेश देता …………गागर मे सागर भर दिया है।
ReplyDeleteबेटियाँ बेटों से प्यारी हो जायेंगी..
ReplyDeleteसभी सच का आईना दिखाते
ReplyDeleteबेतिया और उससे जुड़ा समाज का हर पहलू ...
ReplyDeleteकुछ शब्दों में गहरी बातें कहने का अंदाज़ ... धीरे धीरे आप मास्टर हो गए हैं इस कला में ...
sarthak or vartman ko ujagar karti post .
ReplyDeleteदुर्गा की पूजा
ReplyDeleteकन्या की भ्रूण हत्या
दोगलापन.
बेहतरीन .. आईना दिखाती
दुर्गा की पूजा
ReplyDeleteकन्या की भ्रूण हत्या
दोगलापन.
तथाकथित सभ्य समाज का दोगलापन है ये।
यह केवल कविता नहीं है, पत्थर पर उकेरी गईं लकीरें है।
महिलाओं की बेबसी व अतिशय सहकारिता ने इस विभीषिका को स्वरुप दिया है ,और हमारी धार्मिक व्यवस्था ने जड़ ,व आस्था व परंपरा ने उर्वरता दी है /use and throw की स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन ?
ReplyDeletebetiyon ki sthiti or mahatva par aapne bahut sundar likha hai
ReplyDeleteक्या देगा बेटा
ReplyDeleteलाई थी मैं भी प्यार
आने तो देते.
(५)
कैसे जी पाती
आफरीन बन के
न आना अच्छा.
एक पत्ते के टूट जाने पर ,
पेड़ कितना उदास होता है .
एक थीम की प्रस्तुति विचार का संचालन ,माँ की कोख बेटी का कब्रिस्तान .बधाई भाई साहब .
दर्द लेती
ReplyDeleteसुख देती
प्यारी बेटियाँ ... सुंदर हाइकु
गहन अर्थ लिये बहूत हि सार्थक रचना.....
ReplyDeleteघर की शान
ReplyDeleteप्रेम का प्रतिमान
प्यारी बेटियाँ.
बात सच है पर भी स्वीकार करने में डरते क्यों है लोग.
बढ़िया हाईकू.
सभी हाइकु बहुत अच्छे हैं...इनके हाइगा भी बन सकते हैं :)
ReplyDeleteदुर्गा की पूजा
ReplyDeleteकन्या की भ्रूण हत्या
दोगलापन.
- चोट गहरी है ,अगर कोई महसूस कर सके तो !
aaj meri beti bhee 25 days ki hui hai so I am so very happy....nice post.
ReplyDeleteudwelit karti haaiku... bahut prabhavshali !
ReplyDeleteसभी हाइकु बेहतरीन .... सत्य को कहते हुये .... आभार
ReplyDeleteदुर्गा की पूजा
ReplyDeleteकन्या की भ्रूण हत्या
दोगलापन.
वाह...बहुत अच्छे लाजबाब् हाइकू में प्रस्तुति,....कैलाश जी बधाई
RECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
sabhi bahut hi shandar aur dil ko chhune wali
ReplyDeleteदुर्गा की पूजा
कन्या की भ्रूण हत्या
दोगलापन.
isi se judi meri nyi post
www.bebkoof.blogspot.com
सच कहता हर एक शब्द ... उत्कृष्ट प्रस्तुति।
ReplyDeleteहां हां दूंगी मैं
ReplyDeleteमौका मिले तो सही
कुछ देने का!
bahut bahut acha!!..ur imagination is fabulous in a few lines u have done it soo well..my heartfelt thanks to Kailash Sharmaji for reading my works & motivating me..WISH U EVER ALL THE BEST..God love u
ReplyDeleteबेटियाँ को प्यार करोगे तभी तो ......खुद को प्यार करोगे ..........स्वागत है आप सब का मेरी नयी पोस्ट पर
ReplyDeleteखुशियाँ गूंजी, आँगन है चहका, बिटिया आयी!
ReplyDeleteजय हो!
bahut hi sundar haaiku.
ReplyDeleteshaandaar prastuti.