किसी देहरी आज अँधेरा न रहने दें,
आओ बस्ती झोपड़ियों में दीप जलाएं।
आओ बस्ती झोपड़ियों में दीप जलाएं।
अपनों के तो लिये सजाये कितने सपने,
सोचा नहीं कभी उनका जिनके न अपने,
भूखे पेट गुज़र जाती हर रातें जिनकी,
चल कर के उनमें भी एक आस जगाएं।
सोचा नहीं कभी उनका जिनके न अपने,
भूखे पेट गुज़र जाती हर रातें जिनकी,
चल कर के उनमें भी एक आस जगाएं।
बना रहे हैं जो दीपक औरों की खातिर,
उनके घर में आज अँधेरा कितना गहरा,
बिजली की जगमग में दीपक पड़े किनारे,
इंतज़ार सूनी आँखों में, दीपक बिक जाएँ।
उनके घर में आज अँधेरा कितना गहरा,
बिजली की जगमग में दीपक पड़े किनारे,
इंतज़ार सूनी आँखों में, दीपक बिक जाएँ।
महलों की जगमग चुभने लगती आँखों में,
अगर अँधेरा रहे एक भी घर में बस्ती के,
लक्ष्मी नहीं है घटती गर दुखियों में बाँटें,
सूखे होठों पर कुछ पल को मुस्कानें लाएं।
अगर अँधेरा रहे एक भी घर में बस्ती के,
लक्ष्मी नहीं है घटती गर दुखियों में बाँटें,
सूखे होठों पर कुछ पल को मुस्कानें लाएं।
जब तक जगमग न हो घर का हर कोना,
अर्थ नहीं कोई, एक कोने में दीप जलाएं.
**दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें**
....कैलाश शर्मा
जब तक जगमग न हो घर का हर कोना,
ReplyDeleteअर्थ नहीं कोई, एक कोने में दीप जलाएं...........................बहुत ही परोपकारी विचार उत्पन्न हुआ है इस दीप प्रकाश सरीखी कविता में।.............. (अपनों के तो लिये सजाये कितने सपने,) के बजाय (अपनों के लिए तो सजाए कितने सपने) कर लें।
aapko dipawali ki hardik shubhkamnayen
Deletebahut sundar-sarthak likha hai Kailashji...kaaash sabki soch esi ho sake....badhai !!!
Deleteनर्क-चतुर्दशी का परिवार आप को मेरे मित्र सपरिवार शुभ हो !
ReplyDelete'जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, धरा अपर अँधेरा कहीं रह न जाये !'
महाकवि गोपाल दास नीरज
बहुत अच्छी बात कही है आप ने !
!! प्रकाश का विस्तार हृदय आँगन छा गया !!
ReplyDelete!! उत्साह उल्लास का पर्व देखो आ गया !!
दीपोत्सव की शुभकामनायें !!
काश
ReplyDeleteजला पाती एक दीप ऐसा
जो सबका विवेक हो जाता रौशन
और
सार्थकता पा जाता दीपोत्सव
दीपपर्व सभी के लिये मंगलमय हो ……
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
स्वस्थ रहो।
प्रसन्न रहो हमेशा।
बहुत सुंदर प्रस्तुति ,,,
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ ।।
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RECENT POST -: तुलसी बिन सून लगे अंगना
सार्थक रचना. दीपावली की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना.. आप को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeletesunder rachana Deepawali ki hardik shubhkamnayen ! sir kabhi mere blog par bhi padharen apka swagat hai .
ReplyDeleteबहुत सुंदर !!
ReplyDeleteदीपावली कि हार्दिक शुभकामना !!
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (03-11-2013) "बरस रहा है नूर" : चर्चामंच : चर्चा अंक : 1418 पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
प्रकाशोत्सव दीपावली की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ही सुंदर कामना ! काश इतने नेक ख़याल सभी के हृदय में उदित हों ! बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ! दीप पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteपाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
ReplyDeleteवली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||
वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
पावली=चवन्नी
बहुत सुन्दर. दीपोत्सव की मंगलकामनाएँ !!
ReplyDeleteनई पोस्ट : कुछ भी पास नहीं है
नई पोस्ट : दीप एक : रंग अनेक
जब तक जगमग न हो घर का हर कोना,
ReplyDeleteअर्थ नहीं कोई, एक कोने में दीप जलाएं.
सुंदर कामना
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत सुन्दर विचार
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएं !
नई पोस्ट आओ हम दीवाली मनाएं!
समस्त पंक्तियां ही ख़ूबसूरत , सर
ReplyDeleteनया प्रकाशन --: दीप दिल से जलाओ तो कोईबात बन
बीता प्रकाशन --: 8in1 प्लेयर डाउनलोड करें
सुंदर रचना.
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
सार्थक विचार है ...
ReplyDeleteअगर अंधेरा है तो फिर दीपों के त्यौहार का क्या मतलब ...
दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
Happy deepawali.
ReplyDeleteभाईदूज पर बहना का हक़ है। .... कुछ लेने का तो ये पोस्ट ले गई। ....
ReplyDeleteभाई का क्या फर्ज (*_*)
फर्ज को क़र्ज़ नहीं रहने देना
मंगलवार 29/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी एक नज़र देखें
धन्यवाद .... आभार ....
किसी देहरी आज अँधेरा न रहने दें,
ReplyDeleteआओ बस्ती झोपड़ियों में दीप जलाएं।
बधाई ओर शुभकामनायें **********
मंगलवार 05/11/2013 को
ReplyDeleteजब तक जगमग न हो घर का हर कोना,
ReplyDeleteअर्थ नहीं कोई, एक कोने में दीप जलाएं.
उजाले का संदेश देते अनुपम शब्दों का संगम ...
दीपोत्सव की अनंत शुभकामनाएं
sarthak rachna ..deepawali ki shubhkamnaye ....
ReplyDeleteशुभदीपावली,गोवर्धन पूजन एवं यम व्दितीया श्री चित्रगुप्त जी की पूजन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें स्वीकार करें
ReplyDeleteअपनों के तो लिये सजाये कितने सपने,
ReplyDeleteसोचा नहीं कभी उनका जिनके न अपने,
भूखे पेट गुज़र जाती हर रातें जिनकी,
चल कर के उनमें भी एक आस जगाएं।
बना रहे हैं जो दीपक औरों की खातिर,
उनके घर में आज अँधेरा कितना गहरा,
बिजली की जगमग में दीपक पड़े किनारे,
इंतज़ार सूनी आँखों में, दीपक बिक जाएँ।
tadaanubhootii तदानुभूति कराती है ये रचना दरिद्र नारायण के अभावों से ,अर्थव्यवस्था के एक आयामी होते चले जाने से।
सही दीवाली तो तभी है जब घर में खुशियों के दीप जले
ReplyDeleteछठ पर्व कि पावन बधाई
bahtareen rachna....bahtareen sandesh...diwali ki shubhkamnayein
ReplyDeleteRespected Kailash Sharma sir
ReplyDeleteNamaste and Happy Diwali wishes to you, to your family members and friends.
Kailash Sharma sir your poems and stories are very thoughtful and meaningful. Kailash Sharma sir beautiful Deepavali poem.
Kailash Sharma sir this is my Diwali message "Lamps of India" which i shared in my Heritage of India blog.
http://indian-heritage-and-culture.blogspot.in/2013/09/lamps-of-india.html
Kailash Sharma sir please read my Lamps of India message and give your valuable comments in english language.
Kailash Sharma sir i hope you like my blog and join as a member to my Heritage of India blog and having hope to receive your english comments.